कैब को लेकर बृहस्पतिवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने लिखा, “वो विधेयक जिसे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पास कराया है, वो भारतीय संविधान के आधार को नष्ट कर देता है। नागरिकता संशोधन विधेयक स्वयं धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा का ही खंडन करता है।”
उन्होंने आगे लिखा, “केरल नागरिकता संशोधन विधेयक को स्वीकार नहीं करेगा। कैब असंवैधानिक है। केंद्र सरकार भारत को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है। यह समानता और धर्मनिरपेक्षता को नुकसान पहुंचाने वाली एक एक चाल है।”
विजयन ने कहा, “यह कानून आरएसएस के कुटिल विचार का फल है, जो लोगों को सांप्रदायिक रूप से विभाजित करने और उनके बीच संघर्ष पैदा करने वाला है। भाजपा ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि सांप्रदायिकता और लोगों के बीच नफरत फैलाना उनके सियासी शस्त्र हैं। गृह मंत्री अमित शाह के दावों ने यह साबित कर दिया है कि वह धर्मनिरपेक्षता को अहमियत नहीं देते।”
उल्लेखनीय है कि सीएबी अपनी अंतिम बाधा पार करते हुए बुधवार रात राज्यसभा में भी पारित हो गया। इस विधेयक में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।