जेटली को बर्खास्त करो: कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि अब तक जो तथ्य सामने आए हैं, उनसे साफ है कि माल्या को भगाने में सरकार की मिलीभगत है। वित्त मंत्री जेटली भी स्वीकार कर चुके हैं कि विदेश जाने से पहले माल्या उनसे मिला था जबकि इस मुलाकात का उन्होंने कभी जिक्र नहीं किया। माल्या मामले में अब वित्त मंत्री की भूमिका का भी पर्दाफाश हो चुका है, इसलिए जेटली को बर्खास्त करके प्रधानमंत्री कार्यालय की भूमिका की व्यापक जांच होनी चाहिए।
‘किसके कहने पर वापस हुआ लुकआउट नोटिस’
सुरजेवाला ने कहा कि माल्या के भागने को लेकर जिस तरह के तथ्य सामने आ रहे हैं उसके दायरे में पीएमओ की भूमिका स्पष्ट नजर आती है। उन्होंने कहा कि माल्या के ठिकानों पर 10 अक्टूबर 2015 को छापेमारी में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) दावा करता है कि उसे महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं इसलिए छह दिन बाद लुकआउट नोटिस जारी किया जाता है। फिर छह दिन बाद दावा किया जाता है कि माल्या वापस आ जाएगा इसलिए आब्रजन कार्यालय को लुकआउट नोटिस वापस लेने को कहा जाता है।
पीएमओ की भूमिका की हो जांच: सुरजेवाला
पीएमओ पर सवाल उठाते हुए सुरेजवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय की भूमिका की व्यापक जांच आवश्यक है क्योंकि सीबीआई उसी के तहत है और प्रधानमंत्री कार्यालय की सहमति के बिना माल्या के खिलाफ जारी नोटिस को बदला नहीं जा सकता। इसके साथ ही इसकी भी जांच होनी चाहिए कि 17 बैंकों ने माल्या के खिलाफ किसके कहने पर कार्रवाई नहीं की। इसमें सबसे बड़े स्टेट बैंक ऑफ इडिया की भूमिका पर विशेष ध्यान दिया जाए।
सीबीआई ने भी जारी की सफाई
इससे पहले 15 सितंबर को सीबीआई ने अपने संयुक्त निदेशक ए.के. शर्मा का बचाव करते हुए कहा कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ ‘लुक आउट सर्कुलर नोटिस’ में बदलाव करने का निर्णय ‘अकेले’ नहीं लिया गया, बल्कि निर्णय ‘उचित स्तर’ पर लिया गया। सीबीआई ने यह भी स्पष्ट किया कि माल्या के खिलाफ एलओसी में बदलाव इसलिए किया गया, क्योंकि उसे गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने का कोई पर्याप्त आधार नहीं था।