बता दें कि कांग्रेस प्रवक्ता जीतेंद्र देशप्रभु ने सोमवार को कहा कि पर्रिकर 14 अक्टूबर से ही नजर नहीं आए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संभवत: पर्रिकर जीवित नहीं हैं। देशप्रभु ने कहा, “जी हां, हम इसे संज्ञान में ले रहे हैं। यह बिल्कुल चरम स्पष्टीकरण है कि आदरणीय मुख्यमंत्री संभवत: वहां नहीं हैं।”
आप को बता दें कि दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से 14 अक्टूबर को लौटने के बाद से ही पर्रिकर एक बार भी सार्वजनिक रूप से कहीं नजर नहीं आए हैं, जबकि पहले वह जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच काफी सक्रिय रहते थे। बताया जाता है कि लंबे समय से वह अपने निवास में बिस्तर पर ही हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि उनके निजी आवास को एक अत्याधुनिक चिकित्सा केंद्र के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है और वहां चिकित्सक 24 घंटे तैनात रहते हैं। कांग्रेस ने यह आरोप भी लगाया कि पर्रिकर की अनुपस्थिति का अनुचित लाभ उठाकऱ गलत ढंग से फैसले ले रहे हैं।
उधर, भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस प्रवक्ता की इस टिप्पणी गलत करार दिया। भाजपा का कहना है कि यह कांग्रेस की हताशा का परिणाम बताया है। भाजपा ने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस ने राजनीतिक बातचीत के स्तर को गिरा दिया है। भाजपा की गोवा इकाई के महासचिव सदानंद शेट तनावडे ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि देशप्रभु यदि ऐसा बयान दे रहे हैं, तो इसका मतलब वह वाकई हताशा में हैं।
आप को यह भी बताते चलें कि 27 अक्टूबर को पहली बार स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने आधिकारिक रूप पर्रिकर के पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझने की घोषणा की थी। उसके बाद गोवा के मुख्यमंत्री कार्यालय ने सूचना दी थी कि पर्रिकर अपने निजी निवास पर बुधवार को मंत्रिमंडल की एक बैठक में शामिल होंगे।