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सीएम केजरीवाल की पत्‍नी से मिलना जेडीएस को पड़ा उल्‍टा, नाराज राहुल को मनाने पहुंचे कुमारस्‍वामी

Published: Jun 18, 2018 10:59:09 am

Submitted by:

Dhirendra

विपक्षी एकता के मुद्दे पर सीएम कुमारस्‍वामी द्वारा खुलकर अलग स्‍टैंड जाहिर करना कांग्रेस के नेताओं के अच्‍छा नहीं लगा है।

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सीएम केजरीवाल की पत्‍नी से मिलना जेडीएस को पड़ा उल्‍टा, नाराज राहुल को मनाने पहुंचे कुमारस्‍वामी

नई दिल्‍ली। शनिवार देर शाम सीएम मतता बनर्जी और अन्‍य तीन राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों के साथ सीएम केजरीवाल के आवास पर सुनीता केजरीवाल से मिलने का निर्णय संभवत: कर्नाटक के सीएम कुमारस्‍वामी के लिए उल्‍टा पड़ गया है। इस बात की चर्चा शनिवार को केजरीवाल के सरकारी आवास पर पहुंचने के तत्‍काल बाद शुरू हो गई थी कि आखिर कांग्रेस की दया पर सीएम बनने वाले कुमारस्‍वामी ममता बनर्जी के नेतृत्‍व में केजरीवाल के आवास पर कैसे पहुंच गए। रविवार को वह दिन भर नीति आयोग की बैठक में व्‍यस्‍त रहे इसलिए सोमवार सुबह नाराज चल रहे राहुल गांधी को मनाने के लिए उनके आवास पर पहुंच गए हैं। दूसरी तरफ ये भी बताया जा रहा है कि कर्नाटक के बजट प्रस्‍ताव को लेकर कांग्रेस के साथ मतभेद को दूर करने के लिए कांग्रेस अध्‍यक्ष से चर्चा करने पहुंचे हैं।
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पूर्ण बजट प्रस्‍ताव पर करेंगे चर्चा
जेडीएस के नेताओं का कहना है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी 2018-19 के लिए एक नए पूर्ण बजट पेश करने क मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने पहुंचे हैं। इसके पीछे जेडीएस के नेताओं का तर्क यह है कि कांग्रेस पूर्ण बजट पेश करने के पक्ष में नहीं है। जबकि सीएम चहते हैं कि नई सरकार पूर्ण बजट पेश करे। इस बारे में कांग्रेस का कहना है कि नए बजट प्रस्‍ताव की कोई जरूरत नहीं है। कांग्रेस चाहती है कि पूर्ण बजट की जगह पूरक बजट पेश हो। कांग्रेस का यह भी है कि चूंकि पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस-जेडी (एस) समन्वय समिति के अध्यक्ष सिद्धारमैया ने खुलकर एतराज जताया है। उनका कहना है कि कांग्रेस सरकार के दौरान 2018-19 बजट पहले ही वह बजट पेश कर चुके हैं। चुनाव के बाद भी कांग्रेस जेडीएस की सरकार है इसलिए पूर्ण बजट का कोई तुक नहीं बनता है। लेकिन जेडीएस का कहना है कि सिद्धारमैया की सरकार ने चार माह के लिए वोट ऑफ एकाउंट के तहत बजट पेश किया था जो केवल जुलाई के अंत तक के लिए है। लेकिन कांग्रेस बजट में घोषित सभी कार्यक्रमों को जारी रखना चाहती है, जिसके लिए कुमारस्‍वामी तैयार नहीं हैं।
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मजबूरी में कांग्रेस ने बनाया सीएम
आपको बता दें कि कुमारस्‍वामी कर्नाटक के 224 विधानसभा सीटों में से केवल 38 सीटें जीतकर सीएम बने हैं। ज‍‍बकि कांग्रेस 80 सीटें जीतकर भी सरकार नहीं बना पाई। सत्‍ता हाथ से न जाने की मजबूरी में कांग्रेस ने कुमारस्‍वामी को सीएम बनाया। इसके बावजूद अभी से कर्नाटक के सीएम हर मुद्दे पर अपना स्‍टैंड खुलकर शो करने लगे हैं। उनका ये रुख प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को हजम नहीं हो पा रहा है। इस बात की शिकायत पहले ही प्रदेश कांग्रेस के नेता पार्टी हाईकमान से कर चुके हैं। ऐसे में शनिवार को केजरीवाल के आवास पर थर्ड फ्रंट के नेताओं के साथ उनका पहुंचना कांग्रेस के नेतओं को नागवार गुजरा है। ऐसा होना भी स्‍वभाविक है, क्‍योंकि कुमारस्‍वामी को सीएम कांग्रेस ने ही बनाया है। ऐसे में कांग्रेस नहीं चाहेगी कि वो उस फ्रंट का साथ दें जिसे विपक्षी एकता के नाम पर कांग्रेस के विकल्‍प के रूप में खड़ा किया जा रहा है। यही वजह है कि कर्नाटक के सीएम आज अपनी तरफ से सफाई देने के लिए राहुल गांधी से मिलने पहुंचे हैं।
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