जेडीएस के नेताओं का कहना है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी 2018-19 के लिए एक नए पूर्ण बजट पेश करने क मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने पहुंचे हैं। इसके पीछे जेडीएस के नेताओं का तर्क यह है कि कांग्रेस पूर्ण बजट पेश करने के पक्ष में नहीं है। जबकि सीएम चहते हैं कि नई सरकार पूर्ण बजट पेश करे। इस बारे में कांग्रेस का कहना है कि नए बजट प्रस्ताव की कोई जरूरत नहीं है। कांग्रेस चाहती है कि पूर्ण बजट की जगह पूरक बजट पेश हो। कांग्रेस का यह भी है कि चूंकि पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस-जेडी (एस) समन्वय समिति के अध्यक्ष सिद्धारमैया ने खुलकर एतराज जताया है। उनका कहना है कि कांग्रेस सरकार के दौरान 2018-19 बजट पहले ही वह बजट पेश कर चुके हैं। चुनाव के बाद भी कांग्रेस जेडीएस की सरकार है इसलिए पूर्ण बजट का कोई तुक नहीं बनता है। लेकिन जेडीएस का कहना है कि सिद्धारमैया की सरकार ने चार माह के लिए वोट ऑफ एकाउंट के तहत बजट पेश किया था जो केवल जुलाई के अंत तक के लिए है। लेकिन कांग्रेस बजट में घोषित सभी कार्यक्रमों को जारी रखना चाहती है, जिसके लिए कुमारस्वामी तैयार नहीं हैं।
आपको बता दें कि कुमारस्वामी कर्नाटक के 224 विधानसभा सीटों में से केवल 38 सीटें जीतकर सीएम बने हैं। जबकि कांग्रेस 80 सीटें जीतकर भी सरकार नहीं बना पाई। सत्ता हाथ से न जाने की मजबूरी में कांग्रेस ने कुमारस्वामी को सीएम बनाया। इसके बावजूद अभी से कर्नाटक के सीएम हर मुद्दे पर अपना स्टैंड खुलकर शो करने लगे हैं। उनका ये रुख प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को हजम नहीं हो पा रहा है। इस बात की शिकायत पहले ही प्रदेश कांग्रेस के नेता पार्टी हाईकमान से कर चुके हैं। ऐसे में शनिवार को केजरीवाल के आवास पर थर्ड फ्रंट के नेताओं के साथ उनका पहुंचना कांग्रेस के नेतओं को नागवार गुजरा है। ऐसा होना भी स्वभाविक है, क्योंकि कुमारस्वामी को सीएम कांग्रेस ने ही बनाया है। ऐसे में कांग्रेस नहीं चाहेगी कि वो उस फ्रंट का साथ दें जिसे विपक्षी एकता के नाम पर कांग्रेस के विकल्प के रूप में खड़ा किया जा रहा है। यही वजह है कि कर्नाटक के सीएम आज अपनी तरफ से सफाई देने के लिए राहुल गांधी से मिलने पहुंचे हैं।