script2014 में जिन वजहों से गई थी कांग्रेस की सरकार, आज उन्हीं मुद्दों से घिरी है मोदी सरकार | Congress Government, which was due in 2014, is surrounded by the same issues today for Modi Government | Patrika News

2014 में जिन वजहों से गई थी कांग्रेस की सरकार, आज उन्हीं मुद्दों से घिरी है मोदी सरकार

Published: Sep 10, 2018 07:34:08 pm

Submitted by:

Kapil Tiwari

आखिर कौन भूल सकता है, जब 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को ही मुद्दा बनाकर कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।

Modi Govt

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नई दिल्ली। देश के अंदर लगातार बढ़ रही पेट्रोल और डीजल की कीमतों के खिलाफ आज कांग्रेस समेत 21 राजनीतिक दलों ने भारत बंद रखा है। पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों की वजह से केंद्र की मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। आखिर कौन भूल सकता है, जब 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को ही मुद्दा बनाकर कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उस समय भाजपा के उन नेताओं ने यूपीए सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी की थी जो आज मोदी सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर हैं।

यूपीए सरकार में कभी इतना महंगा नहीं हुआ था पेट्रोल

कहना गलत नहीं होगा कि यूपीए को सत्ता से बाहर करने की एक वजह कमरतोड़ महंगाई भी थी। खासकर पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को मुद्दा बनाकर भाजपा ने कांग्रेस को संसद से लेकर सड़क तक घेरा था। ठीक उसी तरह आज भाजपा भी महंगाई के मुद्दे पर चारों खाने चित हो गई है, क्योंकि मोदी सरकार में पेट्रोल-डीजल की कीमतें यूपीए सरकार के समय की कीमतों को भी पार कर गई हैं। यूपीए शासन में जब पेट्रोल की कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा था, उस समय कीमत 67 रुपए लीटर थी और आज राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 80 रुपए लीटर को पार कर गया है।

2019 के चुनाव के लिए खतरे की घंटी बजा रहा है विपक्ष का प्रदर्शन

बीजेपी की सरकार में इस समय ठीक वैसी ही लहर या फिर कहें माहौल बन चुका है, जैसा की कांग्रेस के समय था और चुनावों में कांग्रेस की करारी हार हुई थी। तो क्या ऐसा समझा जाए कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। उस समय कांग्रेस के हाथों से सत्ता जाने की सबसे बड़ी वजह भ्रष्टाचार और महंगाई थी। भ्रष्टाचार के नाम पर मोदी सरकार के माथे पर राफेल डील का कलंक लगा हुआ है तो वहीं पेट्रोल-डीजल के दाम इस समय सरकार चारों खाने चित हो गई है।

समय रहते नहीं उठाए ठोस कदम तो भुगतना होगा अंजाम

अगर समय रहते केंद्र सरकार ने महंगाई पर और खासकर पेट्रोल-डीजल की कीमतों का काबू करने के लिए कुछ नहीं किया तो आने वाले चुनावों में भाजपा को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि इस समय ना सिर्फ कांग्रेस पार्टी बल्कि सभी विपक्षी दल एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ खड़े हैं।

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