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महाभियोग: किस हक से संविधान खतरे में होने की बात करते हैं कांग्रेस के नेता?

locationनई दिल्लीPublished: Apr 24, 2018 12:15:36 pm

Submitted by:

Dhirendra

लोकतंत्र खतरे में होने की बात करने का मतलब है कांग्रेस के नेता अपने इतिहास को भूल चुके हैं।

anant kumar
नई दिल्‍ली। केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कांग्रेस के नेताओं को इतिहास याद दिलाते हुए उन पर तंज कसा है। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस को ये हक नहीं है कि वो संविधान और लोकतंत्र को खतरे में होने की बात करें। ये बातें कम से कम कांग्रेस के नेताओं को शोभा नहीं देती है। कांग्रेस का कोई भी नेता अगर ऐसा कहता है कि तो साफ है कि उसे अपनी ही पार्टी के इतिहास की जानकारी नहीं है। ऐसा इसलिए कि सत्‍ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस ने अभी तक जितने भी मुद्दे उठाए हैं वो देश की संवैधानिक संस्‍थानों की छवि खराब करने वाला है।
अभी तक संविधान को समझ नहीं पाए कांग्रेस के नेता
केंद्रीय मंत्री का कहना है महाभियोग के नाम पर कांग्रेस देश की जनता को बड़गलाने में लगी है। इसके पीछे कांग्रेस का मकसद न्‍याय प्रणाली में लोगों के भरोसे को तोड़ने जैसा है। कांग्रेस का यह कदम सिर्फ दिखाता है कि स्वतंत्रता के 70 वर्षों के बाद भी उन्होंने संविधान को नहीं समझा है। इस मामले में राज्‍यसभा के सभापति वेंकैया नायडू का फैसले का मैं स्‍वागत करता हूं। उन्‍होंने महाभियोग के प्रस्‍ताव को खारिज कर अच्‍छा काम किया है। ऐसा कर उन्‍होंने एक अच्‍छा नजीर पेश किया है। संवैधानिक व्‍यवस्‍था को खतरे में डालने वालों को कानून की बात समझाने का सबसे बेहतर तरीका भी यही हो सकता है।
कांग्रेस को गलत परंपरा शुरू करने से रोका
आपको बता दें कि स्‍वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार कांग्रेस ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ राज्‍यसभा के सभापति को महाभियोग का प्रस्‍ताव दिया था। कानूनी विशेषज्ञों से राय लेने के बाद उपराष्‍ट्रपति ने सोमवार को कांग्रेस के प्रस्‍ताव को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उनके इस निर्णय से भारतीय न्‍याय प्रणाली के इतिहास में चीफ जस्टिस के नाम लगने वाले काले धब्‍बे का संकट टल गया । इससे न केवल भारतीय न्‍याय प्रणाली में गलत परंपरा की शुरुआत नहीं हो पाई। भारतीय न्‍याय प्रणाली में लोगों के भरोसे को भी कायम रखने का उन्‍होंने काम किया। इसका असर यह हुआ कि कांग्रेस चाहते हुए भी गलत परंपरा की शुरुआत नहीं कर पाई।
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