script‘उपराष्ट्रपति का कदम गैरकानूनी, फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस’ | Congress hit over CJI impeachment motion rejected | Patrika News

‘उपराष्ट्रपति का कदम गैरकानूनी, फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस’

locationनई दिल्लीPublished: Apr 23, 2018 03:58:38 pm

Submitted by:

Prashant Jha

कांग्रेस ने कहा कि देश के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उपराष्ट्रपति का कदम पूरी तरह से अवैध है।

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नई दिल्ली: सीजीआई पर महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने को कांग्रेस ने गैरकानूनी बताया है। कांग्रेस ने कहा कि प्रस्ताव को बिना जांच किए और जल्दीबाजी में खारिज कर दिया गया है। कांग्रेस ने कहा कि देश के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उपराष्ट्रपति का कदम पूरी तरह से अवैध है। वहीं कांग्रेस उपराष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सीजीआई पर महाभियोग प्रस्ताव को उपराष्ट्रपति ने भले ही खारिज कर दिया हो लेकिन पार्टी इस मामले को लेकर शीर्षी अदालत जाएगी।
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उपराष्ट्रपति ने सीजीआई के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव खारिज किया

गौरतलब है कि सोमवार को राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ख़ारिज कर दिया। उपराष्ट्रपति नायडू ने विपक्ष के 22 कारण गिनाते हुए प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उपराष्ट्रपति की विवेचना के अनुसार इस प्रस्ताव में एक तकनीकी कमी है। इसके मुताबिक विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर राज्य सभा की सात रिटायर किए हुए सांसदों ने हस्ताक्षर किये थे जो की महाभियोग प्रस्ताव की शर्तों की अनुसार गलत है।बता दें कि कांग्रेस समेत सात विपक्षी दलों ने दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव राज्य सभा में दिया था।
उपराष्ट्रपति ने संविधान विशेषज्ञों से की चर्चा

इससे पहले उपराष्ट्रपति नायडू ने महाभियोग के मसले पर संविधान विशेषज्ञों से चर्चा की थी। संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव पी के मल्होत्रा, पूर्व विधायी सचिव संजय सिंह और राज्यसभा सचिवालय के अधिकारियों से मुलाकात की थी। विशेषज्ञों ने उपराष्ट्रपति को सलाह दी थी कि प्रथम दृष्टया चीफ जस्टिस पर किसी कदाचार का आरोप तय करने के लिए साक्ष्य नहीं है। अनियमितता से कदाचार तय नहीं होता। संविधान के विशेषज्ञ सुभाष कश्‍यप ने बताया कि महाभियोग का मकसद न्यायपालिका को परेशान करना है। उन्‍होंने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 124 में सीजेआई को कदाचार सिद्ध होने पर हटाने की बात है। संविधान में महाभियोग का कहीं उल्लेख नहीं है। इसका मकसद न्यायपालिका को परेशान करना है।
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