थरूर ने किया स्वागत सर्वोच्च न्यायालय ने भारत में एलजीबीटीआईक्यू (समलैंगिक समुदाय) के पक्ष में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए समलैंगिक यौन संबंध को अपराध नहीं बताया है, जिसके बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह फैसला गोपनीयता, गरिमा और संवैधानिक स्वतंत्रता के आधार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 पर उनके रुख को सही साबित करता है। उन्होंने कहा, “यह जानकर खुशी हुई कि सर्वोच्च न्यायालय ने निजी तौर पर किए जाने वाले यौन कृत्यों को अपराध बताने के खिलाफ आदेश दिया है।” थरूर ने एक ट्वीट में कहा, “यह फैसला धारा 377 और गोपनीयता, गरिमा और संवैधानिक स्वतंत्रता के आधार पर मेरे रुख को सही साबित करता है। यह उन भाजपा सांसदों के लिए शर्म की बात है, जिन्होंने लोकसभा में शोरगुल के साथ मेरा विरोध किया था।”
कुछ नेताओं ने इस पर जताई थी आपत्ति दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसले में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से हटा दिया। सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के मुताबिक अब आपसी सहमति से दो वयस्कों के बीच बनाए गए समलैंगिक संबंध अपराध नहीं माने जाएंगे। हालांकि समलैंगिकता के खिलाफ कुछ राजनेताओं ने प्रतिक्रिया दी थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने इस पर अपनी राय जाहिर करते हुए कहा था, “समलैंगिकता अप्राकृतिक है और एक बीमारी है। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी इसे अप्राकृतिक बताते हुए बोला था, “समलैंगिकता एक अप्राकृतिक कृत्य है और इसका कतई समर्थन नहीं किया जाना चाहिए।”