CWC बैठक में नेताओं की बहसबाजी से तंग आए राहुल गांधी, फिर कह दी इतनी बड़ी बात
- कांग्रेस में नहीं थम रहा अंदरुनी कलह का सिलसिला
- CWC की बैठक में एक बार फिर आपस में भिड़े नेता
- राहुल गांधी ने नेताओं को याद दिलाया पार्टी का लक्ष्य

नई दिल्ली। राजनीतिक वजूद से जूझ रही कांग्रेस में अंदरुनी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। लंबे समय से अध्यक्ष की तलाश में जुटी कांग्रेस एक बार फिर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई। शुक्रवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति ( CWC ) की बैठक बेनतीजा रही। खास बात यह है कि इस बैठक में एक बार फिर नेताओं की आपसी खींचतान और बहसबाजी हावी रही।
बहसबाजी का स्तर इतना ज्यादा रहा कि राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) भी तंग आ गए। आखिरकार राहुल गांधी को ये कहना पड़ा कि 'बस अब इसे यहीं खत्म करो'। आईए जानते हैं क्यों हुई नेताओं के बीच बहसबाजी।
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कांग्रेस में अंदरूनी टकराव एक बार फिर सामने आ गया। CWC की बैठक में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने पत्र लिखने वाले ऐसे कई नेताओं पर निशाना साधा जो पिछले कुछ महीनों से संगठनात्मक चुनाव की मांग कर रहे हैं।
गहलोत की टिप्पणी कुछ नेताओं को रास नहीं आई। लिहाजा वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने प्रतिवाद किया और कहा कि यह अपमानजनक है।
बैठक के दौरान कांग्रेस नेताओं के बीच टकराव को देखते हुए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हम सबकी भावनाओं का सम्मान करते हैं और चुनाव कराकर इस मुद्दे को यही खत्म किया जाना चाहिए।
ये बोले गहलोत
बैठक में वरिष्ठ नेता और राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हम सभी लोग इतने वर्षों में चुनाव से यहां तक नहीं आए हैं, बल्कि चयन की प्रक्रिया से होकर आए हैं। उन्होंने किसी नेता का नाम लिए बगैर यह भी कहा कि वर्षों तक बिना चुनाव के सीडब्ल्यूसी में रहने वाले लोग चुनाव की मांग कर रहे हैं।
गहलोत ने कहा कि आपसी लड़ाई छोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी से लड़ने की जरूरत है और चुनाव का मुद्दा कांग्रेस अध्यक्ष पर छोड़ना चाहिए और उन पर भरोसा करना चाहिए। चुनाव का मुद्दा कांग्रेस अध्यक्ष पर छोड़ना चाहिए और उन पर भरोसा करना चाहिए।
इन नेताओं ने किया समर्थन
सूत्रों की मानें तो गहलोत की सलाह और बात का कुछ नेताओं ने समर्थन किया। इनमें वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी, कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर, हरीश रावत और कुछ अन्य नेता शामिल थे।
आनंद शर्मा ने किया परिवाद
गहलोत ने भले ही किसी नाम ना लिया हो, लेकिन आनंद शर्मा को ये बात जंची नहीं और उन्होंने उनके कथन का परिवाद करते हुए इसे अपमानजनक बताया। हालांकि उनके परिवाद को लेकर अंबिका सोनी ने कहा कि गहलोत ने किसी का नाम ना लेते हुए भावनात्मक मुद्दे को उठाया है।
राहुल बोले- कोई बहस नहीं
बैठक में नेताओं के बीच हो रही बहस ने राहुल गांधी के सब्र का बांध तोड़ दिया। सूत्रों की मानें तो उन्होंने इस बहस को ये कहते हुए रोक दिया कि वह सबकी भावनाओं का सम्मान करते हैं और चुनाव कराकर इस मुद्दे को यहीं खत्म किया जाए। साथ ही आगे पार्टी को किसानों के मुद्दे और राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय पर जोर देना है।
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राहुल को दोबारा अध्यक्ष बनाने की पैरवी
बैठक में हरिश रावत समेत कुछ नेताओं के बार फिर राहुल गांधी को ही दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने की पैरवी भी की। हालांकि गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने संगठन चुनाव की अपनी मांग को फिर दोहराया।
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