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Punjab Congress Crisis: कैप्टन की कुर्सी को खतरा बरकरार , 5-7 मंत्री दे सकते हैं इस्तीफा

locationनई दिल्लीPublished: Aug 24, 2021 02:57:33 pm

Submitted by:

Nitin Singh

विधानसभा चुनाव (punjab assembly elections) से ठीक पहले पंजाब में सियासी हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है। फिलहाल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत की खबर सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक तीन मंत्री और 20 कांग्रेस विधायकों ने कैप्टन सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा के घर पर मुलाकात की है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो)

कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो)

नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव (punjab assembly elections) से ठीक पहले पंजाब में सियासी हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है। फिलहाल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत की खबर सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक तीन मंत्री और 20 कांग्रेस विधायकों ने कैप्टन सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा के घर पर मुलाकात की है। खास बात यह है कि आज कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा, सुखबिंदर सरकारिया, तृप्तरजिंदर बाजवा, चरनजीत चन्नी और महासचिव परगट सिंह सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली जाएंगे। वहीं खबर है कि पांच से सात मंत्री इस्तीफा भी दे सकते हैं।
बाजवा के घर हुई कांग्रेस नेताओं की बैठक

खबरों की मानें तो तृप्त राजिंदर बाजवा के घर पर सराकर के 3 मंत्री और 20 कांग्रेस विधायकों की करीब दो घंटे तक बैठक हुई है। इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की तैयारी और स्थिति पर चर्चा हुई। इस दौरान कहा गया कि कांग्रेस सरकार का प्रदेश में प्रदर्शन अच्छा नहीं है। पार्टी आज भी वहीं खड़ी है, जहां जहां खड़ी थी।
लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा

बैठक में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार चुनावी घोषणापत्र में किए वादों को पूरा नहीं कर पाई है। हम चुनाव की तरफ बढ़ रहे हैं, ऐसे में लोगों में सरकार के खिलाफ नाराजगी है। बैठक में कहा गया कि कांग्रेस आलाकमान की ओर से जो 18 सूत्री कार्यक्रम रखे गए थे, उनमें सिर्फ चोटे मोटे काम ही हुए हैं। बड़े स्तर पर कोई काम नहीं हुआ है। इसलिए पांच सदस्यीय टीम बनी है, इसमें चार कैबिनेट मंत्री हैं और एक महासचिव परगट सिंह हैं। यह लोग सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें जमीनी हकीकत से रूबरू कराएंगे।
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जानकारी के मुताबिक बैठक में कैप्टन अमरिंदर सिंह के भविष्य पर सवाल भी उठे हैं। अब देखने वाली बात यह है कि सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद इस विषय पर पार्टी आलाकमान का क्या फैसला होता है। पार्टी कैप्टन को कुछ और वक्त देगी या फिर पार्टी किसी और को सीएम बनाकर सरकार के अधूरे कामों को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपेगी।
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