अपने इस्तीफे में उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने वाले चुनाव में किस पार्टी में शामिल होंगे। किशोर दास ने राहुल गांधी को लिखा है कि मेरे क्षेत्र के लोग चाहते हैं कि मैं अगला चुनाव बीजेडी की टिकट पर लड़ूं।
गौर हो, ओडिशा में कांग्रेस लगातार कमजोर हो रही है। हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में भी उसका प्रदर्शन गिरकर तीसरे नंबर पर चला गया था। ओडिशा में पिछले 19 साल से बीजू जनता दल का शासन है। नवीन पटनायक इस प्रदेश में दो दशक से अजेय बने हुए हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर के बावजूद इस प्रदेश में 21 में से भाजपा एक सीट जीत पाई थी। बाकी की सभी 20 सीटें बीजेडी के खाते में गई थीं। हाल ही के पंचायत चुनावों में जरूर भाजपा ने बीजेडी को अपने शानदार प्रदर्शन से चौंका दिया था।
ओडिशा में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी होने हैं। इस समय 147 सदस्यों वाली ओडिशा विधानसभा में बीजेडी के 118 सदस्य हैं। कांग्रेस के 15 और भाजपा के 10 विधायक हैं। साल 2000 में सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस को अब तक ओडिशा में सत्ता नसीब नहीं हुई है। उससे पहले 1979 से लगातार कांग्रेस सत्ता में थी।