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अमित शाह-रविशंकर प्रसाद के साथ-साथ कनिमोझी ने राज्यसभा से दिया इस्तीफा महागठबंधन की बैठक से कांग्रेस नदारद दरअसल, बिहार में महागठबंधन को चालीस में से केवल एक सीट मिली है। इस बड़ी हार से महागठबंधन के अंदर बवाल शुरू हो गया है। आरजेडी के कुछ नेताओं ने तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं, बुधवार को महागठबंधन की बैठक से कांग्रेस ने किनारा कर लिया है। जानकारी के मुताबिक, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर आज महागठबंधन की बैठक थी। लेकिन, इस बैठक में कांग्रेस के एक भी नेता नहीं पहुंचे। जिससे बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है और कयास लगाया जा रहा है कि कांग्रेस अब महागठबंधन से अलग होने की तैयारी में है।
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नवीन पटनायक 5वीं बार बने ओडिशा के मुख्यमंत्री, खांडू भी लेंगे शपथ RJD से अलग होना चाहती है कांग्रेस ! मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सालों से बिहार में कांग्रेस और आरजेडी साथ रही है, लेकिन उसका कोई लाभ नहीं मिला है। कई बार मौका भी दिया गया लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। कांग्रेस के एक नेता ने एक मीडिया संस्थान से बातचीत के दौरान कहा कि एक दशक से अधिक समय तक साथ रहने के बाद भी उल्टा कांग्रेस पार्टी का जो भी जनाधार था वह भी खत्म हो गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव से कम से कम एख साल संगठन पर काम करना चाहती है। पार्टी के नेताओं का मानना है कि अगर कांग्रेस, आरजेडी से अलग होकर स्वतंत्र राजनीति करती है तो मुस्लिम उसके साथ जुड़ सकते हैं। फिलहाल, कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर से लेकर राज्य स्तर तक घमासान मचा हुआ है और पार्टी के दिग्गज नेता नए विकल्प की तलाश में जुट गए हैं।