कर्नाटक चुनाव: युवाओं को पीएम मोदी का संदेश- लोकतंत्र में हिंसा की जगह नहीं जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कल आइए
कांग्रेस सांसदों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण ने कोर्ट में कहा कि चीफ जस्टिस मास्टर ऑफ रोस्टर जरूर हैं लेकिन ये मामला उनसे सीधे जुड़ा है। इसलिए सुनवाई का आदेश सीजेआई दूसरे वरिष्ठतम जज को दें। इस बात की गुजारिश दोनों वरिष्ठ वकीलों ने जस्टिस चेलमेश्वर से की। शुरआत में जस्टिस चेलमेश्वर ने थोड़ी अनिच्छा जताई लेकिन वकीलों के बार-बार अनुरोध पर उन्होंने कहा कि आप लोग कल आइए।
कांग्रेस सांसदों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण ने कोर्ट में कहा कि चीफ जस्टिस मास्टर ऑफ रोस्टर जरूर हैं लेकिन ये मामला उनसे सीधे जुड़ा है। इसलिए सुनवाई का आदेश सीजेआई दूसरे वरिष्ठतम जज को दें। इस बात की गुजारिश दोनों वरिष्ठ वकीलों ने जस्टिस चेलमेश्वर से की। शुरआत में जस्टिस चेलमेश्वर ने थोड़ी अनिच्छा जताई लेकिन वकीलों के बार-बार अनुरोध पर उन्होंने कहा कि आप लोग कल आइए।
एडीआर रिपोर्ट: कर्नाटक चुनाव में 391 दागी उम्मीदवार आजमा रहे हैं ‘अपना भाग्य’ सभापति ने खारिज किया था प्रस्ताव
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष ने कदाचार और पद के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए महाभियोग का प्रस्ताव दिया था। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने विपक्ष के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए वैंकया नायडू ने विपक्षी दलों पर सवाल उठाए थे। नायडू ने कहा था कि महाभियोग प्रस्ताव तकनीकी तौर पर किसी भी तरह से मंजूर करने लायक नहीं है। कांग्रेस ने वेंकैया नायडू के फैसले को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दिया था।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष ने कदाचार और पद के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए महाभियोग का प्रस्ताव दिया था। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने विपक्ष के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए वैंकया नायडू ने विपक्षी दलों पर सवाल उठाए थे। नायडू ने कहा था कि महाभियोग प्रस्ताव तकनीकी तौर पर किसी भी तरह से मंजूर करने लायक नहीं है। कांग्रेस ने वेंकैया नायडू के फैसले को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दिया था।
क्यों उठी महाभियोग की मांग?
आपको बता दें कि 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जस्टिस जे चेलमेशवर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसफ ने मीडिया के सामने आकर सीजेआई दीपक मिश्रा की प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। इसके बाद कांग्रेस और वामदलों ने महाभियोग की तैयारी शुरू की थी। हालांकि समर्थन नहीं मिलने की वजह से पैर पीछे खींच लिए थे। अब एक बार फिर जज लोया मामले में कांग्रेस और वामदल बैकफुट पर है। ऐसे में विपक्षी पार्टियां महाभियोग पर विचार कर रही है।
आपको बता दें कि 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जस्टिस जे चेलमेशवर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसफ ने मीडिया के सामने आकर सीजेआई दीपक मिश्रा की प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। इसके बाद कांग्रेस और वामदलों ने महाभियोग की तैयारी शुरू की थी। हालांकि समर्थन नहीं मिलने की वजह से पैर पीछे खींच लिए थे। अब एक बार फिर जज लोया मामले में कांग्रेस और वामदल बैकफुट पर है। ऐसे में विपक्षी पार्टियां महाभियोग पर विचार कर रही है।