वाराणसी

वंशवाद के आरोपों से बाहर निकलने को कांग्रेस ने बनाई रणनीति, अब इन महापुरुषों पर होगा ज्यादा फोकस

-राहुल गांधी ने की है पहल, पार्टी अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, प्रियंका को शीर्ष पद से दूर रहने की दे चुके हैं सलाह-अब प्रियंका ने यूपी के कांग्रेसियों को बताया, इन महापुरुषों के व्यक्तित्व-कृतित्व को करें प्रचारित- भाजपा की आर्थिक नीतियों पर तेज होगा हमला -खेती किसानी के साथ बेकारी पर लडेगी कांग्रेस
 

वाराणसीOct 24, 2019 / 02:05 pm

Ajay Chaturvedi

Congress

वाराणसी. वर्षों से वंशवाद को प्रश्रय देने का आरोप झेल रही कांग्रेस ने धीरे-धीरे ही सही पर इससे किनारा कसने का मन बना लिया है। वह अब जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के साये से बाहर निकलने पर मंथन करने लगी है। हालांकि वंशवाद के आरोप से कांग्रेस को बाहर निकालने की पहल सबसे पहले राहुल गांधी ने की जब उन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि प्रियंका को भी शीर्ष पद से दूर ही रखा जाए। यह दीगर है कि पार्टी नेताओं के दबाव में सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया। लेकिन अब राहुल की इस रणनीति को बहन प्रियंका ने आत्मसात कर लिया है। वह इसे मिशन 2022 के तहत यूपी में पूरी तरह से लागू करने जा रही हैं।
प्रियंका ने यूपी कांग्रेस के दिग्गजों से स्पष्ट कर दिया है कि अब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरदार पटेल, सुभाषचंद्र बोस, विनोबा भावे, छत्रपति शाहू जी, ज्योतिबाफुले, सन्त रैदास, कबीर समेत देश के तमाम महापुरुषों के विचारों को लेकर जनता के बीच जाएं। उन्हें ही ज्यादा से ज्यादा फोकस करें।
यही नहीं प्रियंका गांधी ने कहा है कि भाजपा की जनविरोधी आर्थिक नीतियों-जीएसटी के गलत क्रियान्वयन, नोटबंदी, कालाधन, आर्थिक मंदी के नुकसान को जनता के बीच बेहतर तरीके के ले जाएं। उन्होंने कहा इन मुद्दों पर ज्यादा आक्रामक होने की जरूरत है। साथ ही बेरोजगारी, किसान समस्या, कानून व्यवस्था, महिला हिंसा, उत्पीड़न, शिक्षा, स्वास्थ्य, बाढ़ जैसे ज्वलंत मुद्दों को उठाएं। प्रियंका ने हर कांग्रेसियों को यह कड़ा संदेश दिया है कि वो जनता से सीधा संवाद करें जनसंचार माध्यमों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें और सोशल मीडिया पर सक्रिय हों।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए आयोजित कार्यशाला में संगठन को मजबूत करने और आगामी आंदोलनों पर रणनीति बनाई गई। कार्यशाला में उपस्थित पदाधिकारियों की जिम्मेदारी और जबाबदेही तय की गई। साथ ही साथ उत्तर प्रदेश में विभिन्न मुद्दों पर आंदोलन करने की रूपरेखा तैयार की गई। कार्यशाला में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित फ़िल्म दिखाई गई।
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