37 वर्षों से बंगाल की सत्ता से दूर है कांग्रेस
आपको बता दें कि कांग्रेस ने बंगाल में पार्टी की मजबूती के लिए बिल्कुल ही नई टीम खड़ी कर दी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रियरंजन दास मुंशी की पत्नी दीपा दासमुंशी, शंकर मालकर, नेपाल महतो और अबू हासिम खान चौधरी सहित 4 कार्यकारी अध्यक्ष बनाए हैं। इसके अलावे प्रदीप भट्टाचार्य को समन्वय समिति का अध्यक्ष और शुभाकंर सरकार को संयोजक और अमिताभ चक्रवर्ती को संपर्क एवं संचार (आउटरीज एंड कम्युनिकेशन) विभाग का प्रमुख बनाया गया है। आपको बता दें कि बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच गठबंधन के खिलाफ रहने वाले प्रदेश अध्यक्ष पद से अधीर रंजन को ऐसे समय में हटाया गया जब कांग्रेस 2019 चुनाव में ममता बनर्जी से गठबंधन की संभावनाएं तलाश रही है। फिलहाल बंगाल में कांग्रेस की हालत बहुत ही बुरी है। बीते 37 वर्षों से कांग्रेस बंगाल की सत्ता से बाहर है। 2012 से पहले तीस वर्षों तक वामपंथी पार्टी (लेफ्ट) की सरकार रही। 2012 में तृणमूल कांग्रेस ने लेफ्ट का हराकर सत्ता में आई थी और तब से लेकर अबतक 7 वर्षों से ममता बनर्जी सत्ता पर काबिज है।