कांग्रेस ने समझौते को बताया साजिश
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि रक्षामंत्री जो रक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) के नियमों के उल्लंघन, प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण और रक्षा खरीद प्रक्रिया में नियमों के उल्लंघन के बारे में जानता है, लगातार अपनी चुप्पी बनाए हुए हैं और मामले में कुछ भी नहीं बोलने का रास्ता चुने हुए है।” उन्होंने कहा, “इसलिए उनकी चुप्पी देश को धोखा देने वाले इस समझौते के तहत एक साजिश है।” चतुर्वेदी ने कहा कि इस मामले को लेकर देश के लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
पर्रिकर पर तथ्य छिपाने का आरोप
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता चतुर्वेदी ने कहा, “यहां एक रक्षामंत्री हैं, जिन्होंने समझौते पर हस्ताक्षर होने से कुछ दिन पहले ऑन रिकॉर्ड कहा था कि समझौते की कुछ शर्तो में बदलाव असंभव है। लेकिन, आपको पता था कि ये वे वही क्लॉज थे, जिन पर फ्रांस में समझौता हुआ।”उन्होंने कहा, “और, देश ने देखा कि कैसे पर्रिकर ने जवाब देने के बदले तथ्यों को छुपाया। यह सभी जानते हैं कि वह खुद इसके लिए तैयार नहीं थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सितंबर 2016 में पर्रिकर के रक्षामंत्री रहते राफेल करार पर समझौता किया था।