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मुहर्रम की बधाई देकर फंसी कांग्रेस, टि्वटर हैंडल पर लिखा ‘हैप्पी मोहर्रम’

locationनई दिल्लीPublished: Sep 22, 2018 06:37:39 pm

Submitted by:

Mohit sharma

ओडिशा कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से मुस्लिमों को बधाई देते हुए “विश यू ऑल ए वैरी हैप्पी एंड ब्लेस्ड मुहर्रम।” लिखा है।

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मुहर्रम की बधाई देकर फंसी कांग्रेस, टि्वटर हैंडल पर लिखा ‘हैपी मोहर्रम’

नई दिल्ली। मुहर्रम मुस्लिमों के लिए बेहद गम भरा दिन होता है। इस दिन मुस्ल्मि समुदाय के लोग ताजिया जुलूस निकालकर मातम मनाते हैं। लेकिन कांग्रेस को इसमें खुशी का अवसर नजर आ रहा है। यही कारण है कि कांग्रेस ने मुहर्रम की बधाई दी है। दरअसल, ओडिशा कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से मुस्लिमों को बधाई देते हुए “विश यू ऑल ए वैरी हैप्पी एंड ब्लेस्ड मुहर्रम।” लिखा है। इस ट्वीट से सोशल मीडिया पर कांग्रेस की खूब खिंचाई हो रही है। यही नहीं कांग्रेस ने ट्वीट के साथ ही एक तस्वीर भी पोस्ट की है, जिस पर हैप्पी मुहर्रम लिखा हुआ है।

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https://twitter.com/INCOdisha/status/1043038058990301184?ref_src=twsrc%5Etfw

जैसे ही कांग्रेस ने यह ट्वीट किया तो उसके तुरंत बाद ही इस संदेश की आलोचना शुरू हो गई। कांग्रेस के ट्वीट की आलोचना करते हुए एक यूजर ने लिखा, “हैप्पी मुहर्रम? क्या इसे गमजदा नहीं लिखा जाना चाहिए था।” वही, एक और यूजर ने लिखते हैं, ” जैसे धान की फसल से गेंहूं और आलू से सोना पैदा होता है ठीक उसी तरह #Muharram Happy होता है।” इसके अलावा एक यूजर ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा है कि मूर्खो मुहर्रम हैपी कैसे हो सकता है।” यहां चौंकाने वाली बात यह है कि अब जबकि इस ट्वीट को किये हुए 24 घंटे से अधिक समय हो चुका है, बावजूद इसके अभी तक इसे ट्विटर हैंडल से हटाया नहीं गया है। आपको बता दें कि इस ओडिशा कांग्रेस इस प्रमाणित ट्विटर अकाउंट को लगभग 18 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

आपको बता दें कि इस्लाम में मुहर्रम एक बेहद पवित्र और इस्लामी साल का पहला महीना माना जाता है। मुहर्रम माह का दसवां दिन शिया मुस्लिमों को लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। दरअसल, इस दिन शिया समुदाय मातम मनाकर अपने गम का इजहार करता है। इसके पीछे कारण यह कि इस दिन कर्बला में पैगंबर साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन और यजीद के बीच भयंकर युद्ध हुआ था। यजीद उस समय का खलीफा था। इस लड़ाई में इमाम हुसैन ने अपना सब कुछ खो दिया था। यहां तक कि उन्होंने अपने परिवार तक कि कुर्बानी दे दी थी। मुहर्रम के दिन शिया समुदाय मातम मनाकर इमाम हुसैन के त्याग और बलिदान को याद करता है।

 

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