हाल के दिनों में मोदी मंत्रिमंडल ( Modi Cabinet ) के विस्तार की लगातार चर्चा के बीच ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है। माना जा रहा है बैठक के बाद बड़े संकेत मिल सकते हैं। यह बैठक शाम 5 बजे निर्धारित की गई है।
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पीएम मोदी ने सुरक्षा के मुद्दे पर की हाईलेवल मीटिंग, भविष्य की चुनौतियों और तैयारियों पर रहा फोकस इन मुद्दों पर चर्चा और समीक्षा संभवकैबिनेट मीटिंग में कोरोना काल से लेकर विभिन्न मुद्दों पर सभी मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा भी हो सकती है। इसके साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों से लेकर संसद के आगामी मानसून सत्र और मंत्रिपरिषद के विस्तार के साथ-साथ फेरबदल की संभावनाओं को देखते हुए भी बैठक में चर्चा संभव है।
बैठक में सड़क एवं परिवहन मंत्रालय, नागर विमानन मंत्रालय और दूरसंचार मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा की जा सकती है। लगातार बैठकों का दौर जारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कैबिनेट बैठकों के जरिए मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड भी देख रहे हैं। पीएम मोदी ने इस महीने में तीसरी बार केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक बुलाई है। इससे पहले 16 जून को बैठक हुई, जबकि इसके करीब एक हफ्ते बाद 23 जून को बैठक बुलाई गई।
वहीं इसके ठीक एक हफ्ते में यानी 30 जून को एक और बैठक बुलाई गई है। हालांकि ये बैठक केंद्रीय मंत्रिपरिषद के साथ है। यानी इस बैठक में सभी मंत्रियों को शामिल किया गया है।
माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं के बीच ये बैठक निर्णायक हो सकती है। यानी इसके बाद जल्द ही नए बदलावों को लेकर स्थिति साफ होने की उम्मीद है। लगातार चर्चाएं है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। कुछ नए चेहरों को जगह मिल सकती है, जबकि कुछ मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं। 27 संभावित नेताओं के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा है।
दरअसल मौजूदा समय में कई मंत्रियों के पास अतिरिक्त प्रभार है। ऐसे में इनके भार को भी कम किया जा सकता है।
यह भी पढ़ेंः केजरीवाल ने किए तीन बड़े ऐलान, ‘आप’ की सरकार बनी तो हर परिवार को 300 यूनिट तक मुफ्त मिलेगी बिजली पीएम मोदी ने देखें मंत्रियों के रिपोर्ट कार्डहाल में हुई बैठकों के दौर में मंत्रियों को बुलाकर प्रधानमंत्री ने खुद उनके रिपोर्ट कार्ड देखे और समीक्षा की है। इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे। ये बैठकें पांच घंटे से भी अधिक समय तक चलीं।
बैठक में राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव और मंत्रियों का कामकाज को लेकर रोडमैप भी तय किया जा सकता है। खास तौर पर यूपी और गुजरात को साधने के लिए अहम रणनीतियों पर चर्चा हो सकती है। मंत्रियों को रोल भी तय किए जा सकते हैं।