प्रधानमंत्री ने बिहार के नवादा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि नेताओं के बयानों पर ध्यान मत दीजिए। सुनना है, तो राष्ट्रपति मुखर्जी ने जो कहा वह सुने। राष्ट्रपति ने हमें रास्ता दिखाया है। हमें उनके बताए रास्ते पर चलना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि दादरी की घटना के बाद विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी की इस मामले में चुप्पी पर निशाना साधा था।
उन्होंने 27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान में बम धमाकों के बीच हुई अपनी रैली का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय उन्होंने कहा था कि हिन्दू और मुसलमान तय कर लें कि वे एक दूसरे के खिलाफ ही लड़ते रहेंगे या दोनों मिलकर गरीबी के खिलाफ लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि इस देश का भला तभी होगा जब हिन्दू और मुसलमान मिलकर गरीबी के खिलाफ लड़ेंगे और उसे परास्त करेंगे। मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि राजनीति और तुच्छ लाभ के लिए कुछ लोग गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। मैं लोगों से अपील करता हूं कि ऎसे लोगों को गंभीरता से नहीं लें। अगर नरेंद्र मोदी खुद भी ऎसी बातें करता है तो उसे भी आप नजरअंदाज कर दें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर आपको सुनना ही है तो बुधवार को राष्ट्रपति मुखर्जी ने जो कहा, उसे सुनें। उससे बड़ी बात कोई नहीं हो सकती। राष्ट्रपति ने हमें रास्ता दिखाया है और हमें उसपर चलना होगा, तभी हम दुनिया की उम्मीदों पर खरा उतर सकेंगे।