कुछ सप्ताह पहले दिल्ली की सड़कें बगदाद-सीरिया जैसी नजर आ रही थीं: राव अरविंद केजरीवाल ने इस संबंध में ट्वीट किया, “शाहीन बाग़ (Shaheen Bagh Protest) में बंद रास्ते की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। भाजपा नहीं चाहती कि रास्ते खुलें। भाजपा (BJP) गंदी राजनीति कर रही है। भाजपा के नेताओं को तुरंत शाहीन बाग़ जाकर बात करनी चाहिए और रास्ता खुलवाना चाहिए।”
इससे पहले रविवार को भी केजरीवाल ने एक वीडियो जारी कर गृह मंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) पर निशाना साधा। उन्होंने शाह से कहा कि वह दिल्ली के लोगों का अपमान करना बंद करें।
दरअसल,
CAA , राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के विरोध में शाहीन बाग में दिसंबर से स्थानीय लोग सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां महिलाएं-बच्चें भी काफी तादाद में प्रदर्शन में शामिल हैं। आए दिन कोई न कोई राजनेता, अभिनेता, कलाकार यहां आकर प्रदर्शन का समर्थन कर रहा है।
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) भी यहां से प्रदर्शनकारियों को किसी और स्थान पर भेजे जाने संबंधी याचिका को खारिज कर चुका है। इस विरोध-प्रदर्शन के चलते उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के लोगों को परेशानी हो रही है। शाहीन बाग के बंद होने से कालिंदी कुंज को उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाला रास्ता बंद है और रोजाना हजारों वाहनों-लाखों लोगों को घंटों का वक्त और काफी रकम खर्च करनी पड़ रही है। साथ ही पर्यावरण को नुकसान भी हो रहा है।
बड़ी खबरः द इकोनॉमिस्ट मैग्जीन ने लिखा, ‘भारत के 20 करोड़ मुसलमानों को डर है कि पीएम हिंदू राष्ट्र बना रहे हैं’ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शाहीन बाग का मुद्दा उस वक्त सामने आया है जब दिल्ली चुनाव सिर पर हैं। ऐसे में कोई भी राजनीतिक दल इसका विरोध नहीं करना चाहता ताकि उसके वोट बैंक को नुकसान ना हो। भाजपा इसे मुद्दा बनाए हुए हैं और जेपी नड्डा, अमित शाह और जीवीएल नरसिम्हा राव के बयान के बाद अब केजरीवाल ने गेंद को भाजपा के पाले में डाल दिया है।