पार्टी अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे आठ फरवरी को अपने बूथ के मतदाताओं के घर जाकर उन्हें पहले मतदान फिर जलपान के लिए प्रेरित करें। ताकि पार्टी का एक भी वोटर उस दिन घर न बैठा रह जाए। दरअसल, मतदान के 48 घंटे पहले तक चुनाव प्रचार पर रोक लग जाती है। सार्वजनिक रूप से वोट की अपील से जुड़े किसी तरह के राजनीतिक आयोजन पर बंदिश लग जाती है। ऐसे में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता इसकी काट निकालते हुए अगले 48 घंटे तक डोर टू डोर जाकर मतदाताओं से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करते हैं।
भाजपा ने कार्यकर्ताओं से कहा है कि शाम पांच बजे प्रचार खत्म होने पर भी कार्यकर्ता घर पर खामोश न बैठें। वह अकेले अपने बूथ के घर जाकर लोगों से संपर्क करें। लोगों के घर चाय पर चर्चा करें। उन्हें भाजपा की सरकार के सौ फायदे गिनाकर किसी तरह वोट देने के लिए मनाएं। पार्टी का मानना है कि व्यक्तिगत संपर्क से मतदाताओं और पार्टी के बीच रिश्ते मजबूत होते हैं। ऐसे में प्रचार थमने के बाद भी इस तरह से कैंपेनिंग कर कुछ वोट हासिल किए जा सकते हैं।