जानकारी के मुताबिक, जेडीयू के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में प्रशांत किशोर और पवन वर्मा का नाम शामिल नहीं किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इन दोनों नेताओं ने पिछले कुछ समय में पार्टी लाइन से हटकर बयान दिया है। सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों को लेकर इन दोनों ही नेताओं ने जेडीयू की आधिकारिक लाइन से अलग बयान दिए थे। लिहाजा, पार्टी ने इनसे प्रचार-प्रसार नहीं कराने का फैसला किया। गौरतलब है कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कुछ दिन पहले पीके पर पूछे गए सवाल पर कहा था कि 19 जनवरी को मानव श्रृंखला खत्म होने के बाद ही इस मसले पर कुछ बोलना होगा तो बोलूंगा। बताया जा रहा कि जेडीयू के स्टार प्रचारक की लिस्ट से PK और पवन वर्मा को बाहर किया जाना उसी कड़ी का हिस्सा है।
यहां आपको बता दें कि जेडीयू नेता प्रशांति किशोर CAA और एनआरसी पर लगातार मोदी सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं। हाल ही में उन्होंने नीतीश कुमार को एक खुला पत्र लिखकर इसे बिहार में लागू नहीं करने की अपील की थी। इसके अलावा प्रशांत किशोर की कंपनी I-PAC दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए काम कर रही है। AAP का सीधा मुकाबला बीजेपी से है और जेडीयू बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। ऐसे में प्रशांत किशोर ने तो आप के खिलाफ और न ही जेडीयू-बीजेपी के खिलाफ जा सकते हैं? कहा यहां तक जा रहा है इन्हीं कारणों से जेडीयू ने प्रचारकों की लिस्ट में केजरीवाल का नाम शामिल नहीं किया।