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निजता पर हमला ठीक नहीं
कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए संगठन से जुड़े युवाओं ने संघ के प्रस्ताव के साथ-साथ हमसफर ट्रस्ट और नाज फाउंडेशन की पेटिशंस की स्टडी के आधार पर कहा कि निजता पर हमला ठीक नहीं है। हालांकि समलैंगिकता पर भाजपा का विचार इन युवाओं से भिन्न दिखाई दी। वहीं, कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे एक विचारक के अनुसार धारा 377 पर चर्चा के बाद यह आम सहमति बनी कि समलैंगिकता निजता के अधिकार के दायरे में आता है, लिहाजा इसके साथ छेड़छाड़ उचित नहीं है। हालांकि इस दौरान समलैंगिकता को लेकर अंग्रेजी मॉडल का विरोध किया गया।
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सुनवाई पूरी
आपको बता दें कि आईपीसी धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। धारा 377 के अभी तक के प्रावधानों के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अप्राकृतिक रूप से यौन संबंध बनाता है तो उसे उम्रकैद या जुर्माने सहित 10 साल कैद की सजा सुनाई जा सकती है। आईपीसी के इसी प्रावधान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिकाओं में दो वयस्कों के बीच बनने वाले संबंध को अपराध के दायरे से बाहर रखने की मांग की है।