राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह को शुक्रवार को अदालत में पेश होने के समन जारी किया गया था
#digvijay singh, controversy of digvijay singh, sarla misra murder case, amrita rai, mohan bhagwat, owaisi, facebook post, digvijay twitter handle, mp news, bhopal news
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा दिल्ली की एक अदालत में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर मानहानि के मामले में वारंट जारी किया था, लेकिन बाद में दिग्विजय सिंह के कोर्ट में पेश होने और मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा से वारंट वापस लेने का आग्रह किए जाने पर मजिस्ट्रेट ने वारंट रद्द कर दिया।
गौरतलब है कि यह मामला गडकरी ने 2012 में दाखिल किया था। दिग्विजय सिंह ने गडकरी पर तत्कालीन सांसद अजय संचेती से कारोबारी रिश्ते होने का आरोप लगाया था। गडकरी ने उसी आरोप के लिए सिंह के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया हुआ है। इस मामले में कोर्ट ने माना है कि ‘पहली नजर में’ दिग्विजय सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 तथा 500 के तहत सबूत हैं।
JNU-controversy-one-more-student-accused-of-sedition-surrenders-1180728/#sthash.T5WZJDOx.dpuf” target=”_blank”>JNU विवादः एक और छात्र ने किया सरेंडर, दो की तलाश जारी गडकरी की शिकायत के अनुसार दिग्विजय सिंह ने कहा था कि संचेती को कोयला ब्लॉकों के आवंटन में गडकरी की जेब में 490 करो़ड़ रुपये आए। अपने बयान में गडकरी ने संचेती के साथ किसी भी कारोबारी रिश्ते से इनकार किया था और उन्होंने आरोपों को पूर्णत: गलत तथा अपमानजनक करार दिया था। गडकरी ने अपनी शिकायत में सिंह के आरोपों को अपमानजनक बताते हुए उनके विरद्ध आईपीसी की धारा 499 तथा 500 के तहत मुकदमा चलाने की मांग की है।