‘काम के बदले नहीं मिला इनाम’ एक वेबसाइट के मुताबिक, डीके शिवकुमार के करीबी सूत्रों का कहना है कि वह इस समय काफी परेशान हैं, क्योंकि कांग्रेस हाइकमान ने उनके काम के लिए तत्काल इनाम के तौर पर कुछ नहीं दिया। बताया जा रहा है कि उन्हें उम्मीद थी कि राज्य कांग्रेस इकाई का नेतृत्व अब उनके जिम्मे सौंपा जा सकता है, क्योंकि जी. परमेश्वर के डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने के साथ ही यह पद खाली हो रहा था। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ। चर्चा यहां तक है कि गुस्से में शिवकुमार अपने सभी समर्थकों और बेंगलुरु ग्रामीण से सांसद अपने भाई डीके सुरेश के साथ मंगलवार रात ही होटेल हिल्टन से चले गए, जहां कांग्रेस विधायकों को ठहराया गया था। हालांकि, उन्होंने बाद में स्थिति को संभालने की कोशिश की और कहा कि मैं करीब एक महीने से घर नहीं गया था और थोड़ा आराम चाहता था इसलिए होटल छोड़ा।
‘राहुल से मिले थे शिवकुमार’ राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, डीके शिवकुमार ने होटल में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ पांच मिनट तक मुलाकात की। राहुल के साथ बैठक के दौरान डीके शिवकुमार ने भावनात्मक रूप से कहा कि उनपर लगातार आयकर विभाग के छापे डाले गए और मुश्किल वक्त में भी वह लगाकर पार्टी के लिए काम करते रहे। इसके बावजूद जब उन्हें इनाम मिलने की बात आई, तो निराशा ही हाथ लगी। हालांकि, सोनिया गांधी ने भी विधायकों को एकजुट रखने के लिए उन्हें धन्यवाद देने के लिए मुलाकात की। बहरहाल, सच जो भी हो लेकिन डीके शिवकुमार की इस मासूयी ने एक नई हवा छेड़ दी है। अब देखना यह होगा कि इसका असर गठबंधन पर भी पड़ता है या फिर पार्टी कोई पद देती है।