मंगलवार को कहा था- ‘अब पार्टी में नहीं हूं’ अलागिरी को पार्टी नेताओं की आलोचना करने के लिए 2014 में पार्टी से बाहर निकाल दिया गया था। उन्होंने कहा कि उनकी पीड़ा पार्टी को लेकर थी, न कि परिवार को लेकर। लोग सही समय आने पर पूरी कहानी को जानेंगे। अलागिरी ने मंगलवार को होने वाली द्रमुक कार्यकारिणी समिति बैठक के बारे में यह कहकर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह अब पार्टी में नहीं हैं।
द्रमुक सुप्रीमो बनना चाहते थे अलागिरी अलागिरी द्रमुक के शीर्ष पद पर काबिज होना चाहते थे, लेकिन उनके पिता करुणानिधि ने अलागिरी के स्थान पर अपने दूसरे बेटे एमके स्टालिन को तरजीह दी और उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया। अलागिरी ने कहा कि वह द्रमुक की अगुवाई के लिए उपयुक्त व्यक्ति थे और आरोप लगाया कि स्टालिन पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं लेकिन कार्य नहीं करते हैं।
जिस तरह से पार्टी चल रही उससे खुश नहीं अलागिरी अलागिरी ने कहा कि जिस तरह से पार्टी चलाई जा रही है, वह उससे खुश नहीं थे। यह पूछे जाने पर कि क्या द्रमुक में कोई विभाजन हो सकता है, अलागिरी ने कहा कि पार्टी में विभाजन कैसे हो सकता है, जब वह इसमें हैं ही नहीं। यह पूछे जाने पर कि अगर उन्हें अवसर दिया गया तो क्या वह स्टालिन से बेहतर काम करेंगे, उन्होंने कहा, ‘निश्चित ही, पार्टी कैडर भी यही चाहते हैं।’