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चुनाव आयोग ने कहा, सरकार कहे तो सही 2018 में एक साथ करा देंगे लोकसभा-विधानसभा चुनाव

Published: Oct 05, 2017 10:32:38 am

Submitted by:

Kapil Tiwari

चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि लोकसभा-विधानसभा चुनाव साथ कराने के लिए हमारे पास जरूरी संसाधन मौजूद हैं।

Election commission
नई दिल्ली: कुछ समय पहले मीडिया रिपोर्ट में ये खबरें आई थीं कि केंद्र सरकार 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को 2018 में करा सकती है। केंद्र सरकार की इस योजना पर चुनाव की तरफ से सहमति मिलती दिख रही है। दरअसल, बुधवार को चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि चुनाव आयोग सितंबर, 2018 में लोकसभा और विधानसभा के चुनावों को एक साथ कराने के लिए सक्षम हैं। आपको बता दें कि बीजेपी की तरफ से ये मांग उठती रही है कि 2019 के लोकसभा चुनाव को 2018 में कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ ही करा लिया जाए।
अन्य पार्टियों की सहमित है बाकी
हालांकि अभी बीजेपी के अलावा अन्य राजनीतिक दलों की इस पर सहमित बननी बाकी है। मध्यप्रदेश के दौरे पर आए चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि देश में लोकसभा एवं विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए निर्वाचन आयोग अगले साल सितंबर तक जरूरी सामानों से सक्षम हो जाएगा। उन्होंने बताया, ”केंद्र सरकार ने निर्वाचन आयोग को पूछा था कि लोकसभा एवं विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए सक्षम होने के लिए उसे किस चीज की जरूरत है, इसके जवाब में निर्वाचन आयोग ने नई ईवीएम एवं वीवीपीएटी मशीनें खरीदने के लिए केंद्र से कोष की मांग की थी. यह हमें मिल भी गया है.”
2018 तक सभी संसाधन होंगे चुनाव आयोग के पास
रावत ने आगे कहा, ”निर्वाचन आयोग लोकसभा एवं विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए आवश्यक संसाधन सितंबर 2018 तक जुटा लेगा, उसके बाद अगर केंद्र सरकार चाहे तो चुनाव को पहले करा सकती है। ओपी रावत ने बताया कि केंद्र से कोष मिलने के बाद हमने वोटर वेरिफायएबल पेपर आडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) एवं इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की खरीदी के लिए आर्डर भी दे दिये हैं और सितंबर 2018 तक इस मकसद के लिए निर्वाचन आयोग को 40 लाख मशीनें मिल जायेगी।
सरकार को नियमों में करना होगा बदलाव
हालांकि ओपी रावत ने ये तो नहीं बताया कि चुनाव आखिर कब हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि समय से पहले चुनाव कराने के लिए केंद्र सरकार को नियमों में जरुरी प्रावधान करने होंगे, जिसके बाद ही तय हो पाएगा कि आखिर चुनाव कब हो सकते हैं। रावत ने बताया कि ईआरओ नेट से मतदाता सूची में नाम पंजीकरण, संशोधन, स्थानांतरण या विलोपन के लिए ऑनलाइन नेशनल वोटर्स सर्विस पोर्टल (एनवीएसपी) के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। यह अखिल भारतीय प्लेटफार्म है।
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