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भारतीय मुसलमानों को नहीं बहका पाएगा आईएस : राजनाथ

Published: Dec 27, 2015 09:09:00 pm

राजनाथ सिंह ने कहा कि जब तक हिन्दुस्तान के हर इंसान को तालीम नहीं मिल जाती, तब तक देश विकास के रास्ते पर आगे नहीं बढ़ सकता

Rajnath Singh

Rajnath Singh

लखनऊ। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को राजधानी लखनऊ में कहा कि दुनिया को आतंकवाद से मुक्ति तालीम ही दिला सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आज भले ही पूरी दुनिया में आतंकवाद व उग्रवाद की चर्चा हो, लेकिन भारत में आईएस (इस्लामिक स्टेट) का खतरा नहीं है। राजनाथ सिंह रविवार को राजधानी स्थित कन्वेंशन सेंटर में ‘तालीम की ताकत’ विषय पर आयोजित सेमिनार में अपने विचार प्रकट कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि यह हिन्दुस्तान के तालीम (शिक्षा) की ही ताकत है कि यहां का मुस्लिम परिवार भी अपने लड़के को आईएस में जाने से रोकता है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि जब तक हिन्दुस्तान के हर इंसान को तालीम नहीं मिल जाती, तब तक देश विकास के रास्ते पर आगे नहीं बढ़ सकता। तालीम से मात्र एक व्यक्ति का विकास नहीं होता, बल्कि इससे पूरे परिवार, समाज व देश का भी विकास होता है।

राजनाथ ने कहा कि जब दुनिया में कैम्ब्रिज और हार्वर्ड जैसे विश्वविद्यालयों की नींव नहीं पड़ी थी, उस समय भारत में नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय थे। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान की तालीम और तहजीब का ही करिश्मा है कि इस्लाम के 72 फिरके सिर्फ भारत में ही हैं। दुनिया में कहीं और इतने फिरके नहीं मिलेंगे। ऐसे में हिन्दुस्तान की तहजीब को बचाकर रखना हमारी जिम्मेदारी है।

राजनाथ ने कहा, अगर हम अपनी तहजीब को बचाकर रख सके तो भारत को धनवान, बलवान और ज्ञानवान देश बनने से कोई रोक नहीं सकता। मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के कुलपति जफर सरेशवाला ने इस अवसर पर मुस्लिम युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे सरकार के साथ जुड़कर योजनाओं का लाभ लें।

सरेशवाला ने कहा कि इस पहल के पीछे एक मात्र एजेंडा अलग-अलग समुदायों, खास तौर से मुस्लिम समुदाय को शिक्षा के माध्यम से ज्ञान और कौशल प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है, क्योंकि यह विकास के लिए आवश्यक है। साथ ही

सामाजिक और आर्थिक बदलाव के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री ने रविवार को अपने दौरे के दूसरे दिन उन्होंने अक्षय पात्र फाउंडेशन के किचन का जायजा लिया। स्थानीय सांसद ने किचन में खाना बनाने की गुणवत्ता का निरीक्षण किया और स्कूली बच्चों के साथ खाना भी खाया।
ज्ञात हो कि अक्षय पात्र फाउंडेशन उप्र के सरकारी स्कूलों में करीब 1 लाख बच्चों को मिड डे मील की आपूर्ति करता है।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश के बच्चों को बचाने के लिए अक्षयपात्र सेवाभाव से काम कर रही है। बच्चों को खाना खिलाना ईश्वर की सेवा है। सबको इसका मौका नहीं मिलता। इसके लिए बड़े मन की जरूरत होती है। राजनाथ ने कहा, देश में ऐसे बहुत से बच्चे हैं, जो पौष्टिक आहार के अभाव में शिक्षा से दूर हैं। हमारी सरकार रोजगार के लिए भी लागातार कोशिश कर रही है।

गौरतलब है कि लखनऊ में अक्षय पात्र किचन का उद्घाटन इसी साल मार्च में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। अक्षय पात्र फाउंडेशन के सहयोग से सरोजनीनगर स्थित अमौसी गांव के एक प्राइमरी स्कूल में यह रसोई बनाई गई है। इसके

तहत एक लाख बच्चों को मिड डे मील का खाना परोसा जा रहा है। इस केंद्रीय रसोई को बनाने में करीब 209 करोड़ रुपये की लागत आई है। गृहमंत्री 28 दिसंबर को 11 बजे राजधानी में ही गोमतीनगर में एनआईए दफ्तर की आधारशिला रखेंगे और दोपहर 12$ 40 बजे नई दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।

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