scriptExclusive: एक लेख और लिखने वाला हूं, उसमें भी बहुत कुछ कहूंगा- यशवंत सिन्हा | Exclusive Interview of BJP leader Yashwant Sinha on burning issues | Patrika News

Exclusive: एक लेख और लिखने वाला हूं, उसमें भी बहुत कुछ कहूंगा- यशवंत सिन्हा

locationनई दिल्लीPublished: Sep 28, 2017 07:48:29 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

यशवंत सिन्हा के एक लेख ने देश में मौजूदा अर्थव्यवस्था को लेकर तूफान खड़ा कर दिया। पत्रिका से खास बातचीत के दौरान उन्होंने एक और लेख लिखने की बात कही।

Yashwant Sinha
नई दिल्ली। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने देश की अर्थ व्यवस्था पर सवाल उठाए तो राजनीति में भूचाल आ गया। जहां विरोधियों को बैठे बिठाए एक मौका मिल गया तो सरकार के लिए एक बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी। हालांकि पार्टी की ओर से उनके बेटे जयंत सिन्हा जवाब दिया है। पत्रिका से बात करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि उनका यह रुख किसी व्यक्ति या सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि सिद्धांतों के पक्ष में है। उन्होंने आगे कहा कि मैं एक और लेख लिखने वाला हूं, जिसमें अर्थव्यवस्था के सुधार के तरीके बताऊंगा।

पेश है पत्रिका के संवाददाता कुमार पंकज से उनकी बातचीत के अंश-


प्रश्न- आप अर्थव्यवस्था पर जो सवाल उठा रहे हैं, उसका आधार क्या है?
यशवंत सिन्हा- मैंने यह मुद्दा बहुत विस्तार से उठाया है। इसके लिए मैंने 1200 शब्द का लेख लिख कर हर मुद्दे पर अपना नजरिया रखा है। जो मौजूदा आर्थिक व्यवस्था है, उसका आकलन आप खुद कीजिए तो उसमें सारे तथ्य आपकी समझ में भी आ जाएंगे।
प्रश्न- लेकिन सरकार के आंकड़े तो कुछ और ही कह रहे हैं?
यशवंत सिन्हा- मैं यही बात तो बता रहा हूं कि आंकड़ों में क्या खेल है।

प्रश्न- इसका समाधान क्या है?
यशवंत सिन्हा- मैं इसका समाधान भी पेश करने वाला हूं। कुछ बातें तो मैंने अभी अपने लेख में कही हैं। अब मैं एक और लेख लिखूंगा जिसमें समाधान भी विस्तार से सुझाऊंगा।


प्रश्न- आप मौजूदा सरकार पर कई बार सवाल उठा चुके हैं और सत्तारुढ़ पार्टी से भी जुड़े हैं। पार्टी ने कभी कोई सवाल नहीं पूछा?
यशवंत सिन्हा- पार्टी ने अब तक कोई सवाल नहीं पूछा है। पार्टी सवाल करेगी तो मैं उसका जवाब दूंगा।
प्रश्न- जयंत सिन्हा, जो केंद्रीय मंत्री और आपके पुत्र हैं, वे तो कह रहे हैं कि अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी है?
यशवंत सिन्हा- हम पिता-पुत्र जरूर हैं, लेकिन हमारा और उनका अलग-अलग नजरिया है विचार है। जरूरी नहीं कि हमारा और उनका एक ही नजरिया हो।
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