पेश है पत्रिका के संवाददाता कुमार पंकज से उनकी बातचीत के अंश-
प्रश्न- आप अर्थव्यवस्था पर जो सवाल उठा रहे हैं, उसका आधार क्या है?
यशवंत सिन्हा- मैंने यह मुद्दा बहुत विस्तार से उठाया है। इसके लिए मैंने 1200 शब्द का लेख लिख कर हर मुद्दे पर अपना नजरिया रखा है। जो मौजूदा आर्थिक व्यवस्था है, उसका आकलन आप खुद कीजिए तो उसमें सारे तथ्य आपकी समझ में भी आ जाएंगे।
यशवंत सिन्हा- मैं यही बात तो बता रहा हूं कि आंकड़ों में क्या खेल है। प्रश्न- इसका समाधान क्या है?
यशवंत सिन्हा- मैं इसका समाधान भी पेश करने वाला हूं। कुछ बातें तो मैंने अभी अपने लेख में कही हैं। अब मैं एक और लेख लिखूंगा जिसमें समाधान भी विस्तार से सुझाऊंगा।
प्रश्न- आप मौजूदा सरकार पर कई बार सवाल उठा चुके हैं और सत्तारुढ़ पार्टी से भी जुड़े हैं। पार्टी ने कभी कोई सवाल नहीं पूछा?
यशवंत सिन्हा- पार्टी ने अब तक कोई सवाल नहीं पूछा है। पार्टी सवाल करेगी तो मैं उसका जवाब दूंगा।
यशवंत सिन्हा- हम पिता-पुत्र जरूर हैं, लेकिन हमारा और उनका अलग-अलग नजरिया है विचार है। जरूरी नहीं कि हमारा और उनका एक ही नजरिया हो।