सैम पित्रोदा को मिली बड़ी जिम्मेदारी, बनाए गए कांग्रेस चुनाव अभियान निगरानी समिति के प्रमुख मलयालम भाषा में लेखन से मिली प्रसिद्धि
मलयालम साहित्यकार आशिता का जन्म 5 अप्रैल, 1956 को त्रिशूर में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली और बॉम्बे में हुई। उन्होंने महाराजा कॉलेज एर्नाकुलम से स्नातक और स्नातकोत्तर अंग्रेजी साहित्य में किया। उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद लेखन के क्षेत्र में वह सक्रिय हो गईं। अभी तक उनकी 20 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें विस्मया छिन्नांगल, अपोर्ना विरामंगल, अष्टाधायुदे कथकाल, मज्झमंगल आदि लोकप्रिय हुईं।
मलयालम साहित्यकार आशिता का जन्म 5 अप्रैल, 1956 को त्रिशूर में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली और बॉम्बे में हुई। उन्होंने महाराजा कॉलेज एर्नाकुलम से स्नातक और स्नातकोत्तर अंग्रेजी साहित्य में किया। उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद लेखन के क्षेत्र में वह सक्रिय हो गईं। अभी तक उनकी 20 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें विस्मया छिन्नांगल, अपोर्ना विरामंगल, अष्टाधायुदे कथकाल, मज्झमंगल आदि लोकप्रिय हुईं।
लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष का स्टिंग अटैक, चौकीदारों को बताया गद्दार विशेष लेखन के लिए मिला एडसेरी अवार्ड
मलयालम भाषा में विशेष उपलब्धि और असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए अशिता को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इनमें प्रतिष्ठित एडसेरी अवार्ड-1986 और ललितांबिका अंतर्जनम पुरस्कार- 1994 शामिल हैं। वह अपने पीछे पति केवी रमनकुट्टी और बेटी उमा प्रसीदा को छोड़ गई हैं।
मलयालम भाषा में विशेष उपलब्धि और असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए अशिता को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इनमें प्रतिष्ठित एडसेरी अवार्ड-1986 और ललितांबिका अंतर्जनम पुरस्कार- 1994 शामिल हैं। वह अपने पीछे पति केवी रमनकुट्टी और बेटी उमा प्रसीदा को छोड़ गई हैं।