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लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किसानों के लॉन्ग मार्च की मंशा को भांपते हुए महाराष्ट्र सरकार के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन बुधवार को दोपहर बाद किसानों को शांत कराने के लिए नासिक पहुंचे और किसानों से लॉन्ग मार्च समाप्त करने का अनुरोध किया। किसानों की मांगों को लेकर मंत्री महाजन की किसान नेताओं से करीब पांच घंटे बातचीत चली और उसके बाद पैदल मार्च स्थगित करने का निर्णय लिया गया।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किसानों के लॉन्ग मार्च की मंशा को भांपते हुए महाराष्ट्र सरकार के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन बुधवार को दोपहर बाद किसानों को शांत कराने के लिए नासिक पहुंचे और किसानों से लॉन्ग मार्च समाप्त करने का अनुरोध किया। किसानों की मांगों को लेकर मंत्री महाजन की किसान नेताओं से करीब पांच घंटे बातचीत चली और उसके बाद पैदल मार्च स्थगित करने का निर्णय लिया गया।
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ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव अजित नवले ने बताया कि हमारे बीच ये तय हुआ है कि भले ही समय लगे लेकिन न्याय मिलना चाहिए और आदिवासियों को जमीन का हक मिलना चाहिए। नवले ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्य है कि पहले लॉन्ग मार्च में जो बातें मान ली गई थी उस पर अमल किया जाता तो किसानों को फिर से आंदोलन शुरू नहीं करना पड़ता। उन्होंने चेतावनी दी है कि हम लोग हर दो महीने में इसकी समीक्षा करेंगे। अगर सरकार ने किसानों की मांगे पूरी नहीं की तो हम लोग फिर से आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव अजित नवले ने बताया कि हमारे बीच ये तय हुआ है कि भले ही समय लगे लेकिन न्याय मिलना चाहिए और आदिवासियों को जमीन का हक मिलना चाहिए। नवले ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्य है कि पहले लॉन्ग मार्च में जो बातें मान ली गई थी उस पर अमल किया जाता तो किसानों को फिर से आंदोलन शुरू नहीं करना पड़ता। उन्होंने चेतावनी दी है कि हम लोग हर दो महीने में इसकी समीक्षा करेंगे। अगर सरकार ने किसानों की मांगे पूरी नहीं की तो हम लोग फिर से आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
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1. नारपार, दमणगंगा, वाघ और पिंजाल के साथ अरब महासागर को मिलने वाली सभी नदियों का पानी रोका जाए, ताकि महाराष्ट्र के किसानों की खेती को पानी मिल सके। स्थानीय किसानों के हित को देखते हुए आवश्यक पानी रिजर्व रखा जाए। इस पानी पर महाराष्ट्र का हक है। इसे गुजरात को देने का षडयंत्र तुरंत बंद किया जाए।
1. नारपार, दमणगंगा, वाघ और पिंजाल के साथ अरब महासागर को मिलने वाली सभी नदियों का पानी रोका जाए, ताकि महाराष्ट्र के किसानों की खेती को पानी मिल सके। स्थानीय किसानों के हित को देखते हुए आवश्यक पानी रिजर्व रखा जाए। इस पानी पर महाराष्ट्र का हक है। इसे गुजरात को देने का षडयंत्र तुरंत बंद किया जाए।
2. सूखे क स्थिति में सरकार किसानों को कम से कम 40 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दे।
3. अकाल निवारण और निर्मूलन के लिए अलग-अलग समितिओं द्वारा सुझाई गई सिफारिशें कालबद्ध तरीके से लागू हो। केंद्रीय अकाल संहिता के गलत सिद्धांत बदले जाए। फसल बिमा योजना किसानों की हित में लागू हो। जल आपूर्ति व्यवस्था सुधारी जाएं और उसे आधुनिक बनाया जाए।
3. अकाल निवारण और निर्मूलन के लिए अलग-अलग समितिओं द्वारा सुझाई गई सिफारिशें कालबद्ध तरीके से लागू हो। केंद्रीय अकाल संहिता के गलत सिद्धांत बदले जाए। फसल बिमा योजना किसानों की हित में लागू हो। जल आपूर्ति व्यवस्था सुधारी जाएं और उसे आधुनिक बनाया जाए।
4. सभी संकटग्रस्त किसानों को बिना शर्त संपूर्ण कर्जमाफी देकर कृषी उपज को डेढ़ गुना कीमत देने वाला कानून बनाया जाए। स्वामीनाथन आयोग की सभी सिफारिशें सरकार ईमानदारी से लागू करे। 5. देवस्थान को दी गई जमीन, पशु के चरने की जमीन, बेनामी जमीन, बंजर जमीन उपज लेने वाले किसान के नाम की जाए।
6. जरुरतमंदों को निराधार योजना का तुरंत लाभ मिले। उनके मानधन में बढ़ोतरी कर 3000 रुपए प्रति माह की जाए। 7. पुराने राशनकार्ड बदले जाएं। सभी राशनकार्ड धारकों को अंत्योदय योजना के दर से राशन मिले। अंगुठे के निशान मैच न होने पर मजदूरों को राशन देने से मना करना तुरंत बंद हो।
8. स्टेट हाइवे के लिए जमीन अधिग्रहण होने पर किसानों को उचित मुआवजा देने की बजाए धोके से जमीन अधिग्रहित करने पर रोक लगे। भूमी-अधिग्रहन कानून 2013 के मुताबिक किसानों को मार्केट रेट से पांच गुना ज़्यादा दर मिले।
9. किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए सभी पुलिस केस वापस लिए जाएं। 10. गन्ना किसानों को एफआरपी का भुगतान गन्ना काटने के 14 दिन के अंदर मिले। इस कानून का कड़ा पालन किया जाए।