फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब पूर्व राज्यपाल जगमोहन ने उन्हें निलंबित किया था तो उस समय अब्दुल गनी लोन मेरे पास आए थे। उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं पाकिस्तान जा रहा हूं। वहां से बंदूक लेकर वापस लौटूंगा। उस दौरान उन्हें बहुत समझाया लेकिन वह नहीं माने थे। पाकिस्तान गए और वहां से बंदूक लेकर आए। उन्होंने ही घाटी में युवाओं के हाथ में बंदूक थमाए थे। आज उसी बंदूक के शिकार हमारे युवा हैं। तब से जम्मू और कश्मीर में आतंक का राज है। आज उन्हीं साहबजादे सज्जाद लोन हमें रजनीति का पाठ पढ़ा रहे हैं। वे पहले अपने बाप की करतूत को जान लें फिर मुझसे बात करने की कोशिश करें।
जम्मू और कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला ने पीडीपी की महबूबा मुफ्ती का शारदा पीठ कॉरिडोर खोलने की पहल का समर्थन करते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान दोस्ती को बेहतर बनाने के लिए सभी रास्ते खोलने की वकालत की। उन्होंने कहा कि वह ऐसे हर रास्ते को खोलने का समर्थन करते हैं, जो भारत-पाकिस्तान की दोस्ती को आगे ले जाए। जिस दिन दोनों देशों में दोस्ती हो जाएगी कश्मीर मसला स्वयं हल हो जाएगी। उन्होंने भारत और पाकिस्तान से एलओसी व आईबी पर सारे रास्ते खोलने की मांग की। कहा कि इससे न केवल आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि दोनों देशों के बीच दोस्ती को भी मजबूत करेगा।