देश को उस दिशा में मत ले जाइए जहां हम मुसलमान और हिंदू को अलग अलग रखते होंः फारूख अब्दुल्ला
श्रीनगर। पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि अगर देश के मुसलमानों को संदेह से देखने वाली और अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों के खिलाफ पेश करने वाली ताकतों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो भारत कश्मीर को साथ नहीं रख पाएगा। अब्दुल्ला ने नेशनल कांफ्रेंस कार्यकर्ताओं से कहा कि भारत में ऐसा तूफान खड़ा किया जाता है जो खतरे की घंटे की है और अगर हम इसे नहीं समझते, अगर हम हिंदुओं को मुसलमानों से लड़ाना जारी रखते हैं, तो मैं आपको बता रहा है कि वे (केंद्र) कश्मीर को साथ नहीं रख सकते। उन्होंने कहा कि यह सच्चाई है चाहे आप इसे पसंद नहीं करते हों।
शहीद ब्रिगेडियर उस्मान को भूल गए?
उन्होंने कहा कि मुसलमान देश के दुश्मन नहीं हैं, लेकिन उनको अब भी संदेह की नजर से देखा जाता है। मुसलमान को संदेह की नजर से देखा जाता है। क्या मुसलमान भारतीय नहीं है? क्या उसने कोई कुर्बानी नहीं दी? क्या आप 1947 के भारत-पाक युद्ध में शहीद ब्रिगेडियर उस्मान को भूल गए? अब्दुल्ला ने कहा कि क्या आप उन सैनिकों को भूल गए जो मुसलमान थे और देश के लिए एवं आज भी लड़ रहे हैं? मुसलमान भारत के दुश्मन नहीं है। उन तत्वों पर काबू करो जो मुसलमानों को दुश्मन बताते हैं। उन्होंने कहा कि भारत मुसलमानों के दिल में रहता है।
देश को उस दिशा में मत ले जाइए जहां हम मुसलमान और हिंदू को अलग अलग रखते हों-
अब्दुल्ला ने कहा कि खुदा के लिए देश को उस दिशा में मत ले जाइए जहां हम मुसलमान और हिंदू को अलग अलग रखते हों। यह वह भारत नहीं होगा जिसका निर्माण महात्मा गांधी, मौलाना आजाद, शेर-ए-कश्मीर शेख अब्दुल्ला, जवाहर लाल नेहरू और दूसरे लोगों ने किया है।