कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की करारी हार के बाद सीएम कुमारस्वामी को अपनी कुर्सी का डर सता रहा है। यही वजह है कि शुक्रवार को एचडी कुमारस्वामी ने कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक बुलाई है। हालांकि इस बैठक का मकसद लोकसभा चुनाव नतीजों में पार्टी के बुरे प्रदर्शन की समीक्षा करना बताया जा रहा है। मंत्रियों को भेजे गए एक पत्र में कहा गया, कि शुक्रवार को विधान सौध में कैबिनेट हॉल में दिन में साढ़े 12 बजे एक अनौपचारिक बैठक आयोजित की जाएगी। खास बात यह है कि इस बैठक में जेडीएस और कांग्रेस दोनों दलों के सदस्य लोकसभा नतीजों के साथ गठबंधन के आगे की राह पर चर्चा करेंगे।
कर्नाटक विधानसभा का गणित
224 सीटों वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा 104 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी। हालांकि बहुमत साबित नहीं कर पाई और सरकार नहीं बनी। वहीं कांग्रेस ने 78 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि जेडीएस 37 सीटें जीतने में कामयाब रहा था। इसी चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने 1 और अन्य के खाते में दो सीटें आई थीं। प्रदेश में फिलहाल कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार है। भाजपा को बहुमत के लिए 8 विधायकों की जरूरत है। भाजपा के येदियुरप्पा पहले ही कह चुके हैं की करीब 20 विधायक उनके संपर्क में हैं। अब लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां शानदार जीत दर्ज की है। ऐसे में कांग्रेस गठबंधन वाली कांग्रेस सरकार को विधायक टूटने का डर सता रहा है। अपने विधायकों को बचाना बड़ी चुनौती है।
कांग्रेस के लिए एक तरफ जहां कर्नाटक चिंता का कारण है वहीं मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार भी खतरा मंडरा रहा है। लोकसभा चुनाव के नतीजों में यहां भाजपा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि भाजपा मध्य प्रदेश विधानसभा में सरकार बनाने में बहुत कम अंतर से चूकी थी। तब से लगातार भाजपा यहां सरकार बनाने की जुगत में लगी है। दरसअल भाजपा के महासचिव और अमित शाह के खास माने जाने वाले प. बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय पहले ही बयान दे चुके हैं ऊपर से इशारा मिला तो वे कभी मध्यप्रदेश में तख्तापलट कर सकते हैं।
231 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने 113 सीटों पर कब्जा जमाया जबकि सत्ता पर काबिज भाजपा को 109 सीटें मिलीं। चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सीट सपा ने जीती।