scriptबीजेपी के पूर्व सांसद हरि मांझी ने मुस्लिम मित्रों से कहा- आखिर काफिरों के लिए इतना प्यार कब से? | Former BJP MP Hir Manjhi told Muslim friends - after all how much love for Kafirs? | Patrika News

बीजेपी के पूर्व सांसद हरि मांझी ने मुस्लिम मित्रों से कहा- आखिर काफिरों के लिए इतना प्यार कब से?

locationनई दिल्लीPublished: Mar 02, 2020 03:14:03 pm

Submitted by:

Dhirendra

क्या उदित राज इतना नीचे गिर जाएंगे
अली मियां, मैं ब्राह्मण से पूजा भी करवाता हूं
मेरे मन में परम पूज्य भगवान का रंग चढ़ा है

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नई दिल्ली। बिहार के गया से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद हरि मांझी ने अपने मुस्लिम मित्रों को चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि वे हद में रहें। किसी के खिलाफ निजी टिप्पणी न करें। अगर निजी टिप्पणी का सिलसिला नहीं रुका तो वे कानूनी कार्रवाई का सहारा लेंगे। बीजेपी नेता मांझी ने ये बात मुस्लिमों की ओर से दलितों पर की गई उस टिप्पणी के बाद कही है जिसमें कहा गया था कि दलितों मंदिर में घुस पाओगे? ब्राह्मण तो बोलते हैं कि तुम अछूत हो, तुम्हारे छूने से सब पाप हो जाता है। ब्राह्मणों का मानना है कि भगवा जैकेट पहन ने से ब्राह्मण नहीं हो जाता।
इस मसले पर अपने ट्वीट में हरि मांझी ने लिखा है अली मियां मैं मंदिर भी जाता हूं और ब्राह्मण से पूजा भी करवाता हूं । हमारे घर के मैटर में आप इतना दिलचस्पी क्यों ले रहे हैं? आखिर काफिरों के लिए इतना प्यार कब से? दलितों ने मुस्लिमों को छोड़ दिया। क्या इसी के लिए फ्रस्टेशन है? पर जवाब देते हुए मांझी ने लिखा कि हम इनके साथ कब थे ? कैसी बात करते हैं।
इसके बाद उदित राज के ट्वीट पर रिट्वीट करते हुए हरि मांझी ने कहा कि क्या उदित राज इतना नीचे गिर जाएंगे, नरेंद्र मोदी की सरकार को बदनाम करने के लिए बांग्लादेश का चित्र ट्वीट कर रहे है। गृहमंत्री अमित शाह, ऐसे ही व्यक्ति अफवाह फैलाकर हिंसा को बढ़ा रहा है। संज्ञान लें।
सुखद बात है आज ऐसे अवसरवादी भाजपा में नहीं है। भाजपा नेता ने एक और ट्वीट कर लिखा मन वो सफेद कपड़ा है जिसे जिस रंग में डुबो दोगे उस पर वही रंग चढ़ जाएगा और मेरा मन में परम पूज्य भगवा रंग चढ़ा है। मुझे लोकसभा का टिकट 2009 में तब के भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने दिया था। फिर 2014 में दिया गया,दोनों बार विजय हासिल हुई। भाजपा का हर कार्यकर्ता के कारण मेरी जीत हुई। शीर्ष नेतृत्व से नीचे तक पार्टी किसी ने भेद नहीं किया। हम सब एक है। संघ परिवार में सरनेम नहीं देखा जाता है।
इसके बाद एक और ट्वीट में उन्होंने कहा कि मुस्लिम मित्र गाली देना बंद कीजिए। वर्ना मै कानूनी मदद लूंगा । अभिव्यक्ति की आजादी का ये मतलब नहीं कि मै गाली सुनूं और जब पलटकर बोल दूं तो विक्टिम कार्ड खेलना शुरू कर देंगे कि अल्पसंख्यक को बोला जा रहा है हद में रहें । निजी टिप्पणी न करें ।
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