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राजनीति

“इशरत जहां का एनकाउंटर नहीं सोच-समझकर हत्या की गई थी”

वर्मा ने कहा कि हमारी जांच में पता लगा कि इशरत और उसके साथियों को
इंटेलिजेंस ब्यूरो ने कथित एनकाउंटर के कई दिन पहले ही उठा लिया था

Mar 03, 2016 / 12:07 pm

पुनीत पाराशर

Ishrat encounter

नई दिल्ली। इशरत जहां एनकाउंटर केस में गुजरात हाईकोर्ट के ऑर्डर पर बनी एसआईटी में अफसर रहे सतीश वर्मा का दावा है कि इशरत एनकाउंटर में नहीं मारी गई, बल्कि पूरी प्लानिंग के साथ उसका मर्डर किया गया था। गौरतलब है कि वर्मा वही अफसर हैं, जिन पर एक पूर्व सेक्रेटरी ने इशरत को आतंकी न बताने का दबाव डालते हुए सिगरेट से दागने का आरोप लगाया है।

आईबी रिपोर्ट में इशरत के बारे में कोई इनपुट नहीं था-
एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए इंटरव्यू में वर्मा ने कहा कि हमारी जांच में पता लगा कि इशरत और उसके साथियों को इंटेलिजेंस ब्यूरो ने कथित एनकाउंटर के कई दिन पहले ही उठा लिया था। सच्चाई ये है कि आईबी की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं था कि आतंकियों के साथ कोई महिला भी है। इशरत के बारे में कोई इनपुट नहीं था। इन लोगों को गैरकानूनी तरीके से कस्टडी में रखा गया और बाद में मार दिया गया।

एक बेगुनाह लड़की को फंसाया जा रहा है-
उन्होंने कहा कि एक बेगुनाह लड़की के बारे में राष्ट्रवाद और सिक्युरिटी से जोड़कर तर्क दिए जा रहे हैं। इसके जरिए कुछ लोग खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इशरत जावेद शेख के संपर्क में आने से केवल 10 दिन पहले घर से गायब हुई थी। लश्कर आतंकियों को सुसाइड बॉम्बर बनने के लिए लंबा वक्त लगता है। थ्री नॉट थ्री राइफल को ठीक से चलाने के लिए भी कम से कम 15 दिन लगते हैं। इतने वक्त तो इशरत घर से बाहर रही ही नहीं। फिर वो फिदायीन कैसे हो सकती है?

वर्मा ने कहा कि मैं कोई इंटेलिजेंस अफसर नहीं हूं-
हालांकि वर्मा ने पूर्व होम सेक्रेटरी जी.के. पिल्लई के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि उन्हें इशरत मामले की पूरी जानकारी थी। वर्मा ने कहा कि मैं कोई इंटेलिजेंस अफसर नहीं हूं। वर्मा ने होम मिनिस्ट्री के पूर्व अफसर आरवीएस मणि को सिगरेट से दागने और टॉर्चर करने के दावों को भी नकारते हुए कहा कि मणि को तो इस केस की कोई सीधी जानकारी थी ही नहीं। मालूम हो कि होम मिनिस्ट्री के रिटायर्ड अंडर सेक्रेटरी आरवीएस मणि का आरोप है कि इशरत केस में एफिडेविट बदलने और उसे आतंकी न बताने का उन पर दबाव था। वर्मा ने उन्हें सिगरेट से दागा था। सीबीआई उनका पीछा करती थी।

नरेंद्र मोदी इस मामले में जांच नहीं चाहते-
एक अन्य अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक, इशरत मामले में पूर्व होम मिनिस्टर पी. चिदंबरम की भूमिका को लेकर भले ही कितने ही सवाल भले ही उठ रहे हों, लेकिन नरेंद्र मोदी इस मामले में जांच नहीं चाहते। हालांकि, ये साफ होता जा रहा है कि तब होम सेक्रेटरी रहे जीके. पिल्लई को चिदंबरम ने ही पहले एफिडेविट पर नोट लिखकर उसमें जरूरी बदलाव करने का ऑर्डर दिया था।

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