दिल्ली गांधी के राजनीतिक सफर की बात करें तो उनकी शुरुआत बतौर एक नगरसेवक के रूप में हुई। अहमदनगर नगर निगम में ही उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की आगाज किया।
1985 में, वह अहमदनगर नगर निगम के उपाध्यक्ष बने। बीजेपी के अहमदनगर जिला संगठन में उन्होंने महासचिव, संयुक्त सचिव और अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद संभाले हैं। दिलीप गांधी 1999 में अहमदनगर निर्वाचन क्षेत्र से चुनकर अपने राजनीतिक करियर को आगे बढ़ाया।
इसके बाद वह 29 जनवरी 2003 से 15 मार्च 2004 तक केंद्रीय जहाजरानी मंत्री भी रहे।
2004 में दिलीप गांधी को हार का मुंह भी देखना पड़ा। एनसीपी के उम्मीदवार तुकाराम गदाख ने उन्हें हरा दिया था। दिलीप गांधी ने हार नहीं मानी और 2009 में एक बार फिर वापसी की। इसी वर्ष दिलीप गांधी को अहमदनगर से फिर से चुना गया।
बीजेपी नेता सुरेश प्रभु ने दिलीप गांधी के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा – मेरे प्रिय मित्र के दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बारे में जानकर बहुत दुखी हूं। लोकसभा के पूर्व सहयोगी श्री दिलीप गांधी, हमेशा अहमदनगर के लोगों के लिए सक्रिय रहे। उनकी कमी हमेशा महसूस की जाती रहेगी। उनके परिवार को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि।