महात्मा गांधी भी थे संघ से प्रभावित
वेंकैया नायडू नानाजी मेमोरियल लेक्चर में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने महात्मा गांधी के एक बयान को कोट करते हुए कहा, जब मैं 1934 में आरएसएस के शिविर में गया, मैं आपके अनुशासन और छूआछूत रहित वातावरण को देख कर हैरान रह गया।’ नायडू ने कहा कि महात्मा गांधी ने सभी स्वयंसेवकों को एक दूसरे की जाति की परवाह किए बिना एक साथ रहते और खाते हुए देखा था। उन्होंने कहा कि भारत में धर्मनिरपेक्षता बहुत ‘सुरक्षित और निरापद’ है, क्योंकि यह सभी भारतीय के डीएनए में है।
वेंकैया नायडू नानाजी मेमोरियल लेक्चर में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने महात्मा गांधी के एक बयान को कोट करते हुए कहा, जब मैं 1934 में आरएसएस के शिविर में गया, मैं आपके अनुशासन और छूआछूत रहित वातावरण को देख कर हैरान रह गया।’ नायडू ने कहा कि महात्मा गांधी ने सभी स्वयंसेवकों को एक दूसरे की जाति की परवाह किए बिना एक साथ रहते और खाते हुए देखा था। उन्होंने कहा कि भारत में धर्मनिरपेक्षता बहुत ‘सुरक्षित और निरापद’ है, क्योंकि यह सभी भारतीय के डीएनए में है।
1930 में महात्मा गांधी ने किया था संघ शिविर का दौरा
उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि सबसे बड़े ‘स्वैच्छिक मिशनरी संगठन’ ने उन लोगों को आकर्षित किया है जो देश को सर्वोपरि रखते हैं जैसे कि नानाजी देशमुख और दीन दयाल उपाध्याय। नायडू ने महात्मा गांधी के 1930 में आरएसएस के शिविर में जाने का जिक्र करते हुए कहा कि महात्मा गांधी तक ने आरएसएस द्वारा प्रतिपादित सकारात्मक मूल्यों को माना था। ’’
उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि सबसे बड़े ‘स्वैच्छिक मिशनरी संगठन’ ने उन लोगों को आकर्षित किया है जो देश को सर्वोपरि रखते हैं जैसे कि नानाजी देशमुख और दीन दयाल उपाध्याय। नायडू ने महात्मा गांधी के 1930 में आरएसएस के शिविर में जाने का जिक्र करते हुए कहा कि महात्मा गांधी तक ने आरएसएस द्वारा प्रतिपादित सकारात्मक मूल्यों को माना था। ’’
संघ से जुड़ने पर गर्व है- वेंकैया नायडू उप राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में आगे कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि वो आरएसएस से जुड़े रहे, साथ ही अपने जीवन में मिली सफलताओं के लिए उन्होंने RSS की शाखाओं को ही क्रेडिट दिया। उन्होंने कहा कि आरएसएस का मतलब ‘‘ रेडी फॉर सेल्फलेस सर्विस ’’ है।
7 जून को RSS मुख्यालय जाएंगे प्रणब मुखर्जी आपको बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आगामी 7 जून को आरएसएस के नागपुर स्थित मुख्यालय जाने वाले हैं, जिसको लेकर काफी दिनों से विवाद हो रहा है। कांग्रेस पार्टी ने भी इस पर आपत्ति जताई है। दरअसल, आरएसएस की तरफ से प्रणब मुखर्जी को नागपुर आने का न्योता दिया गया था, जिसे पूर्व राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया। खुद उनके कार्यालय की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई थी।