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अपने अंतरराष्‍ट्रीय करियर से पूरी तरह संतुष्‍ट हैं गंभीर, नहीं है किसी बात का मलाल

locationनई दिल्लीPublished: Dec 12, 2018 08:02:17 pm

Submitted by:

Mazkoor

गंभीर दो बार विश्‍व विजेता टीम 2007 (टी-20 विश्‍वकप) और 2011 (एक दिवसीय विश्‍व कप) में टीम का हिस्‍सा रहे हैं और दोनों बार फाइनल मैच में उन्‍होंने शानदार प्रदर्शन किया।

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अपने अंतरराष्‍ट्रीय करियर से पूरी तरह संतुष्‍ट हैं गंभीर, नहीं है किसी बात का मलाल

नई दिल्ली : भारतीय टीम के सलामी बल्‍लेबाज गौतम गंभीर ने अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। बुधवार को एक साक्षात्‍कार में उन्‍होंने कहा कि वह अपने 13 साल के अंतरराष्‍ट्रीय करियर से पूरी तरह संतुष्‍ट हैं और उन्‍हें किसी बात का मलाल नहीं है। गंभीर दो बार विश्‍व विजेता टीम 2007 (टी-20 विश्‍वकप) और 2011 (एक दिवसीय विश्‍व कप) में टीम का हिस्‍सा रहे हैं और दोनों बार फाइनल मैच में उन्‍होंने शानदार प्रदर्शन किया। 2007 में पहली बार हुए टी-20 विश्वकप फाइनल में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 54 गेंदों पर 75 रन की अहम पारी खेली थी। वह उस मैच में भारतीय टीम के सर्वोच्च स्कोरर रहे थे, जिनकी बदौलत भारत ने पांच रन से टी-20 विश्व कप खिताब जीता था।
2011 विश्वकप के फाइनल में भी जीत के वही सूत्रधार थे। उन्‍होंने 97 रन की बहुमूल्य पारी खेली थी। उनकी इस पारी के दम पर ही भारत ने श्रीलंका से मिले 275 रनों के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल किया था।

कहा- संतुष्‍ट हूं करियर से
अपने 13 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर को याद करते हुए कहा कि वह बेहद संतुष्‍ट हैं। आइसीसी के एक कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत करते हुए उन्‍होंने कहा कि जब आप दो विश्व कप जीतने वाली टीम और दो बार आइपीएल खिताब जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे हैं तो इससे बड़ी संतुष्टि और क्‍या हो सकती है।

रह चुके हैं नंबर वन बल्‍लेबाज
दिल्ली के गौतम गंभीर ने 147 वनडे मैचों की 143 पारियों में 39.68 के औसत 11 शतक और 34 अर्धशतकों की बदौलत 5238 रन बनाए हैं। टेस्‍ट मैचों में भी उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है। उन्‍होंने 58 टेस्ट मैचों में 9 शतक और 22 अर्धशतकों की मदद से 4154 रन बनाए हैं। 2009 में आइसीसी टेस्ट रैकिंग में नंबर-1 बल्लेबाज रह चुके हैं। उन्होंने कहा िक एक खिलाड़ी के लिए इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है कि वह अपने करियर में नंबर-1 टेस्ट बल्लेबाज और नंबर-1 टेस्ट टीम का हिस्सा रहा हो। इसके अलावा उसने दो-दो विश्व कप जीता हो।

कप्‍तानी का रिकॉर्ड भी बेहतरीन
गौतम गंभीर को हालांकि अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट में कप्‍तानी का मौका नहीं मिला, लेकिन उन्‍होंने आइपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स और दिल्‍ली डेयर डेविल्‍स की कप्‍तानी की है। वह कोलकाता नाइट राइडर्स को दो बार चैम्पियन भी बना चुके हैं। उन्‍होंने कहा कि अपनी कप्तानी के दौरान मुझे सबसे ज्यादा इस बात की खुशी रही कि पूरी ईमानदारी के कप्तानी की जिम्‍मेदारी निभाई और यही उनके लिए अहम है।

5 साल से थे टीम इंडिया से बाहर
यह बयंहत्‍था बल्‍लेबाज करीब 5 साल से टीम इंडिया से बाहर था। इसी वजह से परेशान होकर उन्‍होंने क्रिकेट के सभी प्रारूपों संन्यास ले लिया। यह पूछे जाने पर कि घरेलू क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद राष्ट्रीय टीम के लिए आपको नजरअंदाज किया गया, पर उन्‍होंने कहा कि आप उन्हीं चीजों को अपने नियंत्रण में रख सकते हैं, जो आपके हाथ में हैं। चयन करना चयनकर्ताओं का काम है, मेरा नहीं। एक खिलाड़ी के लिए उसका मूल काम अपने खेल पर ध्यान देना है। अगर आप बल्लेबाज हैं तो आपका काम रन बनाना है और अगर गेंदबाज हैं तो उविकेट लेना।

विश्‍व कप फाइनल में शतक न बनाने का अफसोस नहीं
जब गौती से यह पूछा गया कि विश्‍व कप फाइनल में आप तीन रनों से शतक से चूक गए। इसका आपको मलाल रहेगा तो कहा कि 97 रन 0 से तो अच्छा है। विश्वकप फाइनल जैसे बड़े मैचों में कोई भी खिलाड़ी निजी प्रदर्शन के लिए नहीं खेलता, बल्कि टीम की जीत के लिए खेलता है। उन्‍हें इस बात की खुशी है कि वह विश्वकप विजेता टीम का हिस्सा रहे।

आस्‍ट्रेलिया दौरे पर जताई सीरीज जीत की उम्‍मीद
गंभीर ने भारतीय टीम की आस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने की संभावनाओं पर कहा कि इस बार की भारतीय टीम मेजबानों से ज्यादा अनुभवी है। इसका परिणाम हम सब पहले टेस्ट में देख चुके हैं। टीम इंडिया ने जिस तरह से सीरीज की शुरुआत की है, उसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। लेकिन अब हम सब की टीम से ज्यादा उम्मीद बढ़ गई और मुझे विश्वास है टीम इस बार कुछ अलग ही करेगी।

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