शांति सम्मेलन के साथ ही कांग्रेस में एक बार फिर असंतष्ट गुट यानि जी-23 के नेताओं की गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल व राज बब्बर व अन्य पहुंचे।
शांति सम्मेलन के दौरान गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले पांच से छह वर्षों में जम्मू-कश्मीर के सांसदों ने स्थानीय मुद्दों को उठाया। इनमें बेरोजगारी, स्पेशल स्टेटस को छीनने, उद्योगों और शिक्षा को खत्म करने, जीएसटी पर अमल का दुष्प्रभाव जैसे मुद्दे शामिल हैं।
उन्होंने कह कि जम्मू हो या कश्मीर या फिर लद्दाख हम सभी धर्मों के लोगों और जातियों का सम्मान करते हैं। हम सभी का समान रूप से सम्मान करते हैं। यही हमारी ताकत है। हम इसे आगे भी जारी रखेंगे।