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पादरी ने मनोहर पर्रिकर के कैंसर को बताया ‘भगवान की सजा’, विवाद बढ़ने पर चर्च को मांगनी पड़ी माफी

locationनई दिल्लीPublished: Apr 16, 2019 02:22:05 pm

Submitted by:

Shweta Singh

गोवा के कैथोलिक पादरी ने भाजपा नेताओं पर की विवादित टिप्पणी
वीडियो वायरल होने पर बढ़ा विवाद
चर्चा को मांगनी पड़ी माफी

Manohar Parrikar

पादरी ने मनोहर पर्रिकर के कैंसर को बताया ‘भगवान की सजा’, विवाद बढ़ने पर चर्च को मांगनी पड़ी माफी

नई दिल्ली। गोवा के एक कैथोलिक पादरी ने भाजपा नेता और गोवा के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पर विवादित बयान दिया था। अब गोवा चर्च ने कैथोलिक उनके सांप्रदायिक बयान पर माफी मांगी है। पादरी ने कहा था कि पर्रिकर की बीमारी इश्वर की नाराजगी की वजह से है। इस बयान पर काफी आलोचना होने के बाद चर्च ने इसपर माफी मांगी।

अमित शाह को बताया शैतान

पादरी फादर कॉन्सिकाओ डी सिल्वा के बयान का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। वीडियो में देखा जा सकता है कि उन्होंने पर्रिकर के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर भी नफरत भरी टिप्पणी की थी। वीडियो में फादर ‘आवर लेडी ऑफ स्नोज’ चर्च में लोगों को भाजपा का बहिष्कार करने की अपील करते हुए देखे जा सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने अमित शाह को शैतान तो मनोहर परिकर के कैंसर को भगवान का गुस्सा बताया। पादरी ने कथित तौर पर कहना था कि पर्रिकर ने राज्य के एक कस्बे में कोयला प्रदूषण की शिकायतों की अनदेखी की थी, जिस कारण भगवान ने उन्हें कैंसर के रूप में सजा दी।

हेट स्पीच पर चर्च ने मांगी माफी

इस हेट स्पीच पर हर तरफ से आलोचना होने के बाद चर्च ने इस संबंध में माफी मांगते हुए एक बयान जारी किया। बयान में कहा गया कि पार्टी और व्यक्ति विशेष के खिलाफ की गई फादर की टिप्पणी पर चर्च को खेद है। चर्च ने आगे यह भी कहा कि विधानसभा या लोकसभा चुनावों से पहले चर्च पादरियों को लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करने की हिदायत दी जाती। पादरी लोगों से ऐसे प्रत्याशी या पार्टी को वोट करने की सलाह देते हैं जो राज्य या देश की भलाई करे। हालांकि, यह भी सख्त रूप से कहा जाता है कि लोगों से बात करते हुए किसी पार्टी या नेता का नाम न लें। आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब फादर डी सिल्वा ने किसी पार्टी या प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करते हुए देखे गए हों। इससे पहले भी साल 2017 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगा था। उस वक्त भी काफी विवाद उपजा था।

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