इशारों-इशारों में एमजीपी ने सीएम मनोहर पर्रिकर से इस्तीफा तक मांग लिया है। शनिवार को एमजीपी ने कहा कि “अब वक्त आ गया है” कि मुख्यमंत्री राज्य में अपनी गैरमौजूदगी के दौरान सबसे वरिष्ठ मंत्री को प्रभार सौंपें। आपको बता दें कि शनिवार को ही इलाज के लिए दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स में गोवा सीएम मनोहर पर्रिकर को भर्ती कराया गया है। इसके बाद से ही प्रदेश में नए सीएम के नाम को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
शाह भी बता चुके पार्टी का रुख
गोवा में उठी नए सीएम की चर्चा के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी पार्टी का रुख साफ कर दिया है। उनसे जब शनिवार को पूछा गया तो उन्होंने साफ कर दिया कि नए सीएम के नाम का ऐलान समय आने पर किया जाएगा। दरअसल भाजपा के लिए पर्रिकर का विकल्प चुनना इतना आसान नहीं है। गठबंधन सरकार होने के नाते ऐसे नेता चुनना जो सभी की पसंद ऐसा मुश्किल लगता है। एमजीपी ने वरिष्ठ मंत्री को पद देने का राग अलापना शुरू भी कर दिया है। ऐसे में भाजपा के सामने चुनौतियां कई हैं।
गोवा में उठी नए सीएम की चर्चा के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी पार्टी का रुख साफ कर दिया है। उनसे जब शनिवार को पूछा गया तो उन्होंने साफ कर दिया कि नए सीएम के नाम का ऐलान समय आने पर किया जाएगा। दरअसल भाजपा के लिए पर्रिकर का विकल्प चुनना इतना आसान नहीं है। गठबंधन सरकार होने के नाते ऐसे नेता चुनना जो सभी की पसंद ऐसा मुश्किल लगता है। एमजीपी ने वरिष्ठ मंत्री को पद देने का राग अलापना शुरू भी कर दिया है। ऐसे में भाजपा के सामने चुनौतियां कई हैं।
जरा सी गलती पड़ सकती है महंगी
भाजपा को गोवा में नया सीएम चुनने में जरा सी गलती भारी पड़ सकती है। गठबंधन सरकार में भाजपा के पास 14 विधायक हैं। जबकि 3 महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के और 3 गोवा फॉरवर्ड के, वहीं दो निर्दलीय हैं यानी 22 लोगों की गठबंधन सरकार है। गोवा में विधानसभा की 40 सीटें हैं ऐसे में एमजीपी की नहीं सुनी तो तीन विधायकों से हाथ धोना पड़ सकता है, इसका सीधा फायदा कांग्रेस उठा सकती हैं, क्योंकि उन्हें भी बहुमत के लिए तीन विधायकों की ही जरूरत है। फिलहाल कांग्रेस के 16 विधायक हैं, जिनमें एक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से और एक निर्दलीय है जो सरकार में नहीं है। इन 18 विधायकों के साथ बीजेपी से कोई तीन भी आ गये तो कांग्रेस की सरकार बना सकती है।
भाजपा को गोवा में नया सीएम चुनने में जरा सी गलती भारी पड़ सकती है। गठबंधन सरकार में भाजपा के पास 14 विधायक हैं। जबकि 3 महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के और 3 गोवा फॉरवर्ड के, वहीं दो निर्दलीय हैं यानी 22 लोगों की गठबंधन सरकार है। गोवा में विधानसभा की 40 सीटें हैं ऐसे में एमजीपी की नहीं सुनी तो तीन विधायकों से हाथ धोना पड़ सकता है, इसका सीधा फायदा कांग्रेस उठा सकती हैं, क्योंकि उन्हें भी बहुमत के लिए तीन विधायकों की ही जरूरत है। फिलहाल कांग्रेस के 16 विधायक हैं, जिनमें एक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से और एक निर्दलीय है जो सरकार में नहीं है। इन 18 विधायकों के साथ बीजेपी से कोई तीन भी आ गये तो कांग्रेस की सरकार बना सकती है।
सुदीन धवलीकर हैं सबसे वरिष्ठ
आपको बता दें कि पर्रिकर नीत मंत्रिमंडल में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री सुदीन धवलीकर सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं। एमजीपी अध्यक्ष ने भाजपा के साथ पार्टी के विलय की किसी भी संभावना से इंकार किया है। बताते चलें कि शनिवार को संवाददाताओं से बात करते हुए एमजीपी अध्यक्ष दीपक धवलीकर ने ही वरिष्ठत मंत्री के नाम का राग आलापा है।
आपको बता दें कि पर्रिकर नीत मंत्रिमंडल में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री सुदीन धवलीकर सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं। एमजीपी अध्यक्ष ने भाजपा के साथ पार्टी के विलय की किसी भी संभावना से इंकार किया है। बताते चलें कि शनिवार को संवाददाताओं से बात करते हुए एमजीपी अध्यक्ष दीपक धवलीकर ने ही वरिष्ठत मंत्री के नाम का राग आलापा है।