बीजेपी सरकार में मंत्री फ्रांसिस डिसूजा और पांडुरंग मडकईकर को केंद्र नेतृत्व ने हटा दिया है। बताया जा रहा है कि कुछ समय से बीमार चल रहे हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। यही वजह है कि दोनों को मंत्री पद से हटा दिया गया है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की तबीयत बिगड़ने के बाद से नए उम्मीदवार के चयन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही मुखर हो गए। कांग्रेस ने जहां सरकार बनाने का दावा पेश किया तो वहीं भाजपा के खेमे में ही हलचल मच गई। अध्यक्ष अमित शाह पर नए नाम को लेकर दबाव बढ़ने लगा। हालांकि उन्होंने वक्त आने पर फैसला करने का कह कर मामले को दबाने की कोशिश की है।
गोवा में यह घटनाक्रम ऐसे वक्त में हुआ है जब मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की तबीयत लंबे अरसे से खराब है। पैंक्रियाज में गड़बड़ी की वजह से उनका दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज चल रहा है। हटाए गए मंत्री डिसूजा के पास शहरी विकास और मडकईकर के पास ऊर्जा मंत्रालय की जिम्मेदारी थी। सीएमओ अधिकारी के मुताबिक दोनों को कैबिनेट से हटा दिया गया है। डिसूजा जहां अमरीका एक अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं वहीं जून में ब्रेन स्ट्रोक का शिकार होने के बाद मडकईकर का मुंबई के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।
पर्रिकर सरकार से हटाए गए दो मंत्रियों की जगह सोमवार शाम को ही बीजेपी के दो नेता नीलेश काबराल और मिलिंद नाईक को उनकी जगह मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। गोवा की पिछली लक्ष्मीकांत परसेकर सरकार में नाईक के पास ऊर्जा मंत्रालय का प्रभार था। वहीं, काबराल पहली बार मंत्री बनने जा रहे हैं। इससे पहले गोवा में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा था कि पर्रिकर बतौर मुख्यमंत्री अपने पद पर बरकरार रहेंगे। हालांकि कैबिनेट के मंत्रियों में बदलाव जल्द होगा। डिसूजा और मडकईकर की छुट्टी इसी बदलाव की पहली कड़ी है।