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अमित शाह बोले, कश्मीर के लिए संयुक्त राष्ट्र जाना ऐतिहासिक भूल थी

locationनई दिल्लीPublished: Sep 30, 2019 07:53:10 am

Submitted by:

Navyavesh Navrahi

धारा 370 हटने से नहीं खत्म होगी कश्मीरियत
मानवाधिकार संगठनों पर भी साधा निशाना

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गृहमंत्री अमित शाह ने धारा 370 को रद्द किए जाने और जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के मोदी सरकार के फैसले का विरोध करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि घाटी में वर्तमान स्थिती के लिए कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दोष देते हुए शाह ने कहा कि कश्मीर के लिए संयुक्त राष्ट्र में जाना ऐतिहासिक भूल थी। उन्होंने कहा कि धारा 370 गलत प्रचार के कारण वर्षो तक चली।
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गृहमंत्री शाह यहां इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि- सबसे पहली बात कश्मीर के लिए संयुक्त राष्ट्र में जाना ऐतिहासिक भूल थी। दूसरा, चार्टर का चुनाव गलत था। चार्टर 35 के चयन के बजाए सरकार को चाहिए था कि वह चार्टर 51 का चयन करती।
अपने दावों को आगे बढ़ाते हुए शाह ने कहा कि- चार्टर 35 ने इसे दो देशों के बीच संघर्ष का कारण बना दिया, जबकि चार्टर 51 ने हमारी जमीन पर विदेशी कब्जे के बाबत हमारी मदद की होती। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सच्चाई छिपाने के लिए कथित तौर पर कश्मीर के इतिहास को अपने हिसाब से ढाला गया।
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शाह ने कहा कि- ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जो लोग इतिहास लिख रहे थे, वे वहीं थे जो कश्मीर में परेशानी पैदा कर रहे थे। शाह ने जोर देकर कहा कि- कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा। हमें बार-बार इसका उल्लेख करने की जरूरत नहीं है।
एक ओर जहां उन्होंने धारा 370 को रद्द किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी, तो वहीं कश्मीर में कांग्रेस शासन में हुए कथित अत्याचारों को लेकर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। शाह ने कहा कि- आज तक कश्मीर में आतंकवाद के कारण 41,800 लोग मारे गए हैं। जो लोग मानवाधिकार की बात करते हैं मैं उनसे पूछना चाहता हूं…क्या आप उन 40,000 लोगों के बच्चों और परिजनों की आवाज उठाओंगे जो मारे गए?
उन्होंने जोर देकर कहा कि कश्मीर में हालत ‘बहुत जल्द’ सामान्य हो जाएंगे। साथ ही उन्होंने धारा 370 को रद्द किए जाने की वकालत करते हुए कहा कि इससे जातिगत भेदभाव, प्रचलित बाल विवाह और अन्य समस्याओं को खत्म करने में मदद मिलेगी।
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उन्होंने इस बात को गलत बताया कि धारा 370 के खत्म होने से राज्य की कश्मीरी संस्कृति को बनाए रखने में मुश्किल आएगी। शाह ने कहा कि- कश्मीरियत बनी रहेगी और इसे कोई नुकसान नहीं होगा। अगर ऐसा होता तो बिना 370 के गुजराती संस्कृति क्यों बची हुई है, क्यों गुजरात में गरबा होता है, क्यों पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा होती है?
कश्मीर पर बेईमानी से बोलने वाले मानवाधिकार संगठनों पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि- उनके लिए मोबाइल फोन पर क्लिप मानवाधिकार उल्लंघन है, लेकिन हजारों लोगों, जवानों और सुरक्षा बलों को मारना मानवाधिकार उल्लंघन नहीं है। शाह ने पूछा कि- लाखों कश्मीरी पंडितों को उनके घरों से बाहर फेंक दिया गया, वे देश में इधर-उधर घूम रहे हैं क्या यह मानवाधिकार उल्लंघन नहीं है? शाह ने लोगों को याद दिलाया कि जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर कैसे स्वतंत्रता के बाद सरदार पटेल ने 630 रियासतों को भारत में मिलाया। उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के साथ ऐसा नहीं हो सका, क्योंकि वहां की स्थिति को नेहरू संभाल रहे थे।
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