इस लिहाज से देखें तो मोदी सरकार को अपने दम पर संसद में बहुमत है। संसद में वर्तमान में निर्वाचित सांसदों की संख्या 235 है। इस लिहाज से मोदी सरकार को विश्वास मत हासिल करने के लिए 268 सांसदों की जरूरत पड़ेगी। भाजपा के पास 272 सांसद हैं। इसके साथ ही सहयोगी दलों के 12 सांसद उनके साथ हैं। शिवसेना सरकार के खिलाफ वोट नहीं करेगी। एआईएडीएम के 37 सांसद सरकार के समर्थन में खड़े हैं। तय है कि विपक्ष के पास बहुमत नहीं है। इसके बावजूद विपक्ष के चेहरे पर इसे लेकर कोई शिकन नहीं है।
बहुमत के बावजूद विपक्षी एकता के नाम पर अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद से सरकार ने इसे आर-पार की लड़ाई मानकर आज लोकसभा में शक्ति प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। भाजपा नेताओं का कहना है चूंकि विपक्ष ने बहुमत के बावजूद सरकार में अविश्वास जताया है इसलिए केंद्र सरकार ने अपनी पूरी ताकत का प्रदर्शन करेगी ताकि अवाम के सामने विपक्ष को बेपर्दा करना संभव हो सके। इसके पीछे सरकार की रणनीति यह है कि विपक्ष ही नहीं पूरे देश को संदेश जाए कि मोदी सरकार कितनी मजबूत है। यही कारण है कि मोदी सरकार ने एनडीए के साथ विपक्षी गठबंधन के सांसदों से भी संपर्क साधकर अपने पक्ष में करने का प्रयास किया है। ताकि कांग्रेस को इस बात को अहसास हो सके कि उसकी राजनीतिक जमीन पहले से ज्यादा कमजोर हो चुकी है।
आज अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार की ओर से भाजपा सांसद और मध्य प्रदेश के अध्यक्ष राकेश सिंह सबसे पहले बोलेंगे और सरकार का पक्ष रखेंगे। इसके साथ ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष विरेंद्र सिंह मस्त और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल पक्ष रखेंगे। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और अनंत कुमार भी भाजपा के पक्ष में अपनी बात रखेंगे। विपक्ष की ओर से सबसे पहले राहुल गांधी बोलेंगे। कांग्रेस की ओर से सदन में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी इस पर बोलेंगे। आज राहुल को खुलकर बोलने का मौका दिया गया है। इस बीच संभावना यह भी जताई जा रही है कि पीएम मोदी कांग्रेस के सवालों पर पलटवार कर सकते हैं।
लोकसभा में शुक्रवार अविश्वास प्रस्ताव प्रस्ताव पर सात घंटे होगी बहस चलेगी। विपक्ष की ओर से सबसे पहले राहुल गांधी बोलेंगे। पीएम मोदी के भाषण के साथ बहस समाप्त होगा। उसके बाद मतदान होगा। यह तय हो गया है कि किस पार्टी से कौन बोलेगा और कितनी देर बोलेगा। इसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष ने समय तय कर दिया है। बहस के बीच लंच ब्रेक नहीं होगा। बहस का समय सदन की सहमति से बढ़ाया जा सकता है। लोकसभा में चर्चा के लिए भाजपा को साढ़े तीन घंटे और कांग्रेस को 38 मिनट का समय दिया गया है।
चूंकि सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस टीडीपी ने दिया था। इसलिए बहस की शुरुआत भी टीडीपी के सांसद करेंगे। टीडीपी को बोलने के लिए 13 मिनट का समय दिया गया है। टीडीपी की ओर से जयदेव गल्ला पहले वक्ता होंगे। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को प्रस्ताव पर अपने विचार रखने के लिए 38 मिनट का समय दिया गया है।