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सरकार पाटीदार आयोग के गठन को तैयार- 26 की बैठक में हो सकती है घोषणा

locationअहमदाबादPublished: Sep 22, 2017 10:51:39 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

मंगलवार को गांधीनगर में पाटीदार समाज के नेताओं व पाटीदार आंदोलन के संयोजकों सहित कुल 100 नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा।

nitin patel
गांधीनगर/अहमदाबाद। राज्य विधानसभा चुनाव से ऐन पहले पाटीदारों को रिझाने के लिए राज्य सरकार पाटीदार आयोग के गठन पर विचार कर रही है। राज्य सरकार की ओर से 26 सितम्बर को बुलाई गई बैठक में पाटीदार आयोग के गठन की घोषणा हो सकती है।
उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के अनुसार पाटीदार समाज के नेताओं ने पाटीदार आंदोलन को लेकर उचित निराकरण लाने के लिए राज्य सरकार से गुहार लगाई थी। इसे देखते हुए मंगलवार को गांधीनगर में पाटीदार समाज के नेताओं व पाटीदार आंदोलन के संयोजकों सहित कुल 100 नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा।
बैठक में पाटीदार समाज की छह संस्थाएं-उमिया माता ट्रस्ट-ऊंझा, खोडलधाम ट्रस्ट-कागवड, राजकोट उमिया माता मंदिर-सिदसर, समस्त पाटीदार समाज-सूरत, श्री सरदार धाम-अहमदाबाद, विश्व उमिया फाउंडेशन-अहमदाबाद व आंदोलन संस्था के पदाधिकारियों को निमंत्रण दिया जाएगा। इसमें पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) व सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) के नेता भी भाग लेंगे। इसमें समाज की ओर से पेश किए जा चुके मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
इनमें पाटीदारों को आरक्षण, पाटीदारों पर हुए अत्याचार करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई, पाटीदार आंदोलन में मारे गए युवकों के परिजनों को मदद व सरकारी नौकरी के साथ-साथ पाटीदार आयोग के गठन के मुद्दे शामिल हैं। इस बैठक में राज्य सरकार की ओर से उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी के भी उपस्थित रहने की संभावना है। आपको बता दें कि गुजरात में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसको देखते हुए सरकार पाटीदारों की नाराजगी को दूर करना चाहती है।
पिछले 15-20 सालों में गुजरात से बाहर राज्य सांप्रदायिक दंगों के लिए अधिक जाना जाता रहा है जातीय अशांति के लिए नहीं। लेकिन ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो गुजरात में जाति के आधार पर आंदोलन पहले कई बार हो चुके हैं। और इस बार हार्दिक पटेल के नेतृत्व में आरक्षण आंदोलन की शुरुआत हुई है। जो कई वर्षों से जारी है और इस दौरान कई हिंसक प्रदर्शन भी हुए हैं।
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