जिला मजिस्ट्रेट ने हालांकि राजभवन को लिखा कि वह केवल राज्य से अनुमति के बाद ही इन सभी को बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित करने का अनुरोध कर सकते हैं। धनखड़ ने इसे असंवैधानिक बताते हुए कहा कि- ‘मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि उन्हें मुझसे मिलने के लिए राज्य सरकार की अनुमति की आवश्यकता क्यों है। मैं हैरान हूं।’
दिलचस्प बात यह है कि धनखड़ को सितंबर महीने में भी इसी तरह का जवाब मिला था, जब उन्होंने दार्जिलिंग जिले में सांसद, विधायक और सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक करनी चाही थी। राज्यपालों के खिलाफ रहने की परंपरा को जारी रखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पिछले कुछ समय से धनखड़ के साथ टकराव की स्थिति में हैं।
कुछ दिन पहले ही राज्यपाल ने शिकायत की थी कि राज्य में समाचार चैनलों को दुर्गा पूजा समारोह जैसे कार्यक्रमों से दूर रहने के लिए कहा गया है। हाल ही में जब केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो जादवपुर विश्वविद्यालय गए थे और वहां पर विद्यार्थियों व अन्य लोगों ने उनके साथ मारपीट की थी तो उस समय राज्यपाल ही बीच-बचाव कर उन्हें वहां से निकालकर लाए थे।