कैबिनेट कमेटी की ली गई मंजूरी
दस्तावेज में यह भी कहा गया कि विमान के लिए रक्षा खरीद परिषद की मंजूरी ली गई और भारतीय दल ने फ्रांसीसी पक्ष के साथ बातचीत भी की थी। सरकार के हलफनामे में बताया गया है कि फ्रांसीसी पक्ष के साथ बातचीत तकरीबन एक साल चली और समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति की मंजूरी ली गई।
दस्तावेज में यह भी कहा गया कि विमान के लिए रक्षा खरीद परिषद की मंजूरी ली गई और भारतीय दल ने फ्रांसीसी पक्ष के साथ बातचीत भी की थी। सरकार के हलफनामे में बताया गया है कि फ्रांसीसी पक्ष के साथ बातचीत तकरीबन एक साल चली और समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति की मंजूरी ली गई।
शीर्ष अदालत ने मांगी भी ज्यादा जानकारी
आपको बता दें कि 31 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर और ज्यादा जानकारी मांगी थी। शीर्ष अदालत की ओर से मांगी गई जानकारी में विमानों की कीमत भी शामिल है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि विमानों की कीमत का खुलासा करना शायद संभव नहीं है, जिस पर प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ ने केंद्र से कहा कि वह कीमतों का खुलासा करने में आ रही दिक्कतों का उल्लेख हलफनामे में करे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि सरकार ने जो जानकारी अदालत के समझ दी है, वही जानकारी याचिकाकर्ताओं के साथ भी साझा की जाए। पीठ ने कहा कि रक्षा सौदे के लिए भारतीय ऑफसेट साझेदार की चुनाव प्रक्रिया के बारे में भी जहां तक संभव हो जानकारी याचिकर्ताओं और जनता के साथ साझा की जानी चाहिए।
आपको बता दें कि 31 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर और ज्यादा जानकारी मांगी थी। शीर्ष अदालत की ओर से मांगी गई जानकारी में विमानों की कीमत भी शामिल है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि विमानों की कीमत का खुलासा करना शायद संभव नहीं है, जिस पर प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ ने केंद्र से कहा कि वह कीमतों का खुलासा करने में आ रही दिक्कतों का उल्लेख हलफनामे में करे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि सरकार ने जो जानकारी अदालत के समझ दी है, वही जानकारी याचिकाकर्ताओं के साथ भी साझा की जाए। पीठ ने कहा कि रक्षा सौदे के लिए भारतीय ऑफसेट साझेदार की चुनाव प्रक्रिया के बारे में भी जहां तक संभव हो जानकारी याचिकर्ताओं और जनता के साथ साझा की जानी चाहिए।