CAA: SC के बाहर सुनवाई से पहले धरने पर बैठीं महिलाएं, एक शख्स को हिरासत में लिया दरअसल, सीके बोस पिछले कुछ समय से अपनी असहमति दर्ज कराते रहे हैं। पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष और भाजपा नेताओं द्वारा अपमानजनक भाषा इस्तेमाल करने पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। बोस ने कहा कि जो आंदोलन पूरे भारत में चल रहा है उसे बहुत आसानी से हल किया जा सकता है। अगर आप स्पष्ट रूप से घोषणा करते हैं कि हर कोई हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई CAA के परिणामस्वरूप नागरिकता प्राप्त करेगा।
सुभाष के पोते सीके बोस चाहते हैं कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर लोगों के पास जाए आैर उनसे बात करे। बोस नेताजी के बड़े भाई और स्वतंत्रता सेनानी शरत चंद्र के पोते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करना भाजपा जैसी पार्टी को शोभा नहीं देता है। सिर्फ इसलिए कि राज्यसभा और लोकसभा दोनों में हमारे पास संख्या है। इसका मतलब यह नहीं है कि हम इस तरह के आक्रामक रुख अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं। आज हम सरकार में हैं। कल हम नहीं भी हो सकते हैं।
दिल्ली चुनाव: केजरीवाल के नामांकन में देरी कराने का आरोप बेबुनियाद बता दें कि बीजेपी नेता सीके बोस को पिछले लोकसभा चुनाव में कोलकाता दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से हार का सामना करना पड़ा था। वहीं पिछले महीने संसद में पारित CAA में मुस्लिम बहुल पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से उत्पीड़न का शिकार हुए ऐसे अल्पसंख्यक हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्धों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान हैं जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत में आ चुके हैं। 10 जनवरी से लागू होने वाले इस कानून का देशव्यापी विरोध जारी है। विपक्ष से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता व आम लोग भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं।