इस बार चुनाव से पहले जयंत चौधरी ने अखिलेश की सपा से नाता जोड़ा। गन्ना बेल्ट कही जाने वाली मेरठ और सहारनपुर मंडल में रालोद और सपा गठबंधन ने कड़ी टक्कर दी। मेरठ में जहां सात सीटों में से 6 भाजपा ने 2017 में जीती थी। वहीं इस बार भाजपा के हाथ मात्र तीन सीटें ही लगी। तीन पर सपा और रालोद गठबंधन ने जीत दर्ज की। जबकि एक सीट मेरठ शहर पर पहले से ही सपा थी और 2022 में भी सपा ही इस सीट पर चुनाव जीती। सपा और रालोद गठबंधन का लाभ सपा को उतना नहीं हुआ जितना कि रालोद को हुआ है।
यह भी पढ़े : UP Assembly Elections Result 2022 : मेरठ में ढहा भाजपा का किला, सात सीटों में चार पर गठबंधन तो तीन बीजेपी के खाते में भाजपा ने झोंकी ताकत भी नहीं आई काम
इस गन्ना बेल्ट में भाजपा ने पहले चरण के चुनाव प्रचार में पूरी तरह से ताकत झोकी थी। लेकिन सपा और रालोद के गठबंधन के आगे भाजपा के प्रत्याशी औंधे मुंह गिर गए। यहां तक कि भाजपा सरकार में गन्ना मंत्री रहे सुरेश राणा खुद भी अपनी सीट नहीं बचा सके। कुछ ऐसा ही हाल बुढाना में भाजपा विधायक उमेश मलिक का रहा। उमेश मलिक भी बुरी तरह से पराजित हुए।
इस गन्ना बेल्ट में भाजपा ने पहले चरण के चुनाव प्रचार में पूरी तरह से ताकत झोकी थी। लेकिन सपा और रालोद के गठबंधन के आगे भाजपा के प्रत्याशी औंधे मुंह गिर गए। यहां तक कि भाजपा सरकार में गन्ना मंत्री रहे सुरेश राणा खुद भी अपनी सीट नहीं बचा सके। कुछ ऐसा ही हाल बुढाना में भाजपा विधायक उमेश मलिक का रहा। उमेश मलिक भी बुरी तरह से पराजित हुए।